रायपुर, 21 सितम्बर, 2024
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से न्याय की मांग लेकर नई दिल्ली पहुंचे पीड़ितों की बस को आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाहर रोक दिया गया। इन पीड़ितों में अधिकतर वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने नक्सली हिंसा में अपना सब कुछ खो दिया है और विकलांगता का सामना कर रहे हैं।
एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने बस्तर शांति समिति के सदस्यों को जेएनयू में एक विशेष कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, जहां उन्हें अपनी आवाज उठाने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिलना था। जेएनयू के बाहर सिक्योरिटी द्वारा इन पीड़ितों की बस को रोक दिया गया, जिससे वे मजबूरन ऑटो रिक्शा या पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ विकलांग पीड़ित, जो चलने में सक्षम नहीं हैं, कठिन परिस्थितियों में संघर्ष कर रहे हैं।
नक्सल पीड़ित न केवल अपनी सुरक्षा और पुनर्वास के लिए जूझ रहे हैं, बल्कि न्याय की मांग के लिए भी उन्हें भेदभाव और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन पीड़ितों ने नक्सल हिंसा में अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है, कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं और अब वे न्याय पाने के लिए अपनी आवाज दिल्ली तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
जेएनयू के स्टूडेंट और बस्तर शांति समिति के प्रतिनिधियों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है और कहा कि यह नक्सल पीड़ितों के अधिकारों का हनन है।