वाराणसी, 30 अगस्त
अंशुल मौर्या
उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्कृत के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में 23 साल बाद बढ़ोत्तरी का निर्णय लिया है। प्रदेश में संस्कृत के 517 विद्यालय व महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को बढ़ी हुई छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।
शासन के इस कदम का संस्कृत विद्यालय शिक्षक समिति और छात्र-छात्राओं ने स्वागत किया है। प्रथमा के कक्षा छह एवं सात के लिए 50 रुपए और कक्षा 8 के लिए 75 रुपए प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति मिलेगी। पूर्व मध्यमा कक्षा नौ व 10 के लिए 100 रुपए, उत्तर मध्यमा कक्षा 11 व 12 के लिए 150 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति की दर होगी। शास्त्री के लिए 200 रुपए प्रति माह और आचार्य के लिए 250 रुपए प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। किसी भी आय वर्ग में आने वाले विद्यार्थियों को संस्कृत पढ़ने पर छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा। आखिरी बार 2001 में छात्रवृत्ति तय हुई थी। 23 साल बाद प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि का निर्णय लिया गया है।
संस्कृत विद्यालय शिक्षक समिति के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. गणेश दत्त शास्त्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी को धन्यवाद दिया है। डॉ. शास्त्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में संस्कृत के बारे में काफी कम सोचा गया था, किंतु वर्तमान प्रदेश सरकार ने देववाणी संस्कृत के प्रति जिम्मेदारी को बखूबी निभाने का प्रयास किया है। संस्कृत जगत के लोग व संस्कृत के विद्यार्थी सरकार के फैसले से काफी प्रसन्न हैं। प्रदेश प्रवक्ता डॉ. पवन कुमार शुक्ल ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के लगभग सभी माध्यमिक पाठशालाओं में मानदेय पर संस्कृत शिक्षक रखे गए हैं। मुख्यमंत्री से मिलकर इन अध्यापकों को प्राप्त होने वाला न्यूनतम मानदेय धनराशि को बढ़वाने का प्रयास होगा।
उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने छात्रहित में सराहनीय कदम उठाए हैं। सरकार के इस फैसले का संस्कृत विद्यालय शिक्षक के डॉ. श्रवण मणि त्रिपाठी,अभिषेक पांडेय, डॉ.सुरेंद्र मिश्र, सुरेश उपाध्याय, गोविंद मिश्र, डॉ. आमोद दत्त शास्त्री, अशोक कुमार, डॉ. रमाकांत पांडेय,अशेष नारायण द्विवेदी ने स्वागत किया।