नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2024
वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर घमासान जारी है। सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में कई विपक्षी नेताओं ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रेजेंटेशन के विरोध में वॉकआउट कर दिया। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, डीएमके के मोहम्मद अब्दुल्ला, और कांग्रेस के नसीर हुसैन और मोहम्मद जावेद ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड के प्रशासक ने बिना जानकारी के प्रेजेंटेशन में बदलाव किया। बैठक की अध्यक्षता बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल कर रहे थे।
जेपीसी की इस बैठक में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड, हरियाणा वक्फ बोर्ड, पंजाब वक्फ बोर्ड और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा, समिति ने कॉल फॉर जस्टिस (चंदर वाधवा के नेतृत्व में), वक्फ टेनेंट वेलफेयर एसोसिएशन, और बीके दत्त कॉलोनी के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबंस डंकल को भी अपने विचार और सुझाव देने के लिए बुलाया था। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न वक्फ बोर्डों और संगठनों से विधेयक पर विचार और सुझाव प्राप्त करना था।
विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट करने का निर्णय इस आधार पर लिया कि एमसीडी कमिश्नर और दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रशासक अश्विनी कुमार ने मुख्यमंत्री आतिशी की मंजूरी के बिना वक्फ बोर्ड की शुरुआती रिपोर्ट में बदलाव किया था। इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए विपक्षी नेताओं ने जेपीसी की बैठक छोड़ दी। इससे पहले, 22 अक्टूबर को हुई जेपीसी की पिछली बैठक में बीजेपी सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बीच तीखी बहस भी हुई थी।
पिछली बैठक में भी हंगामा हुआ था, जब टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कथित तौर पर गुस्से में एक कांच की बोतल फेंकी, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई थी।
इसके परिणामस्वरूप, उन्हें बाद में जेपीसी की एक बैठक में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था।वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 में व्यापक सुधार लाने, डिजिटाइजेशन शुरू करने, कड़े ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को रिक्लेम करने के लिए कानूनी तंत्र की स्थापना का प्रयास किया गया है।