13 जनवरी 2025
नागा साधु अपने अस्त्रों को केवल आत्मरक्षा के लिए रखते हैं, जो उनके धर्म और समाज की रक्षा में मदद करते हैं। त्रिशूल, तलवार और भाला जैसे अस्त्र भगवान शिव की पूजा और शक्ति के प्रतीक होते हैं। त्रिशूल को शक्ति, सृष्टि और विनाश का प्रतीक माना जाता है, जबकि तलवार और भाला वीरता और साहस का प्रतीक होते हैं। इन अस्त्रों का उपयोग नागा साधु अपने अस्तित्व और धार्मिक विश्वासों की रक्षा के लिए करते हैं, न कि किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए।
इतिहास में जब भारत पर विदेशी आक्रमण हुए थे, तब नागा साधुओं ने अपने अस्त्रों का इस्तेमाल धर्म की रक्षा के लिए किया था। वे भारतीय परंपराओं, मंदिरों और संस्कृति की रक्षा करते थे। आज भी ये अस्त्र उनके जीवन का अहम हिस्सा हैं, जो उनकी आत्मरक्षा, विश्वास और धर्म की रक्षा के लिए तैयारियों को दर्शाते हैं। यह उनकी तपस्या और बलिदान का प्रतीक बन चुका है।