वाराणसी, 17 अक्टूबर 2024:
अंशुल मौर्य
उत्तर प्रदेश वाराणसी के डिठोरी महाल अर्दली बाजार में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने सास, ससुर और पति को मृत दिखाकर उनकी संपत्ति अपने नाम करा ली। जब इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ, तो नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने मामले की जांच कराई, जिसमें नगर निगम के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की भी मिलीभगत पाई गई। इसके बाद महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और संलिप्त अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया।
यह घटना मार्च 2024 में तब उजागर हुई जब महिला के चचिया ससुर विनोद कुमार सिंह ने नगर आयुक्त से शिकायत की कि उनकी बहू अर्पणा सिंह ने जालसाजी कर उनके सास-ससुर और पति को मृत घोषित करते हुए संपत्ति अपने नाम कर ली है। अर्पणा सिंह ने डिठोरी महाल, अर्दली बाजार स्थित भवन संख्या एस 3/12 और 3/14 को अपने नाम करवाने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। नगर निगम ने बिना उचित जांच के अर्पणा के नाम पर संपत्ति स्थानांतरित कर दी थी।
जांच के बाद कार्रवाई
जांच में पाया गया कि अर्पणा ने जौनपुर नगर पालिका से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए थे और अन्य कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति अपने नाम करवा कर वाराणसी नगर निगम में पेश किया था। इस धोखाधड़ी के खुलासे के बाद नगर आयुक्त ने अर्पणा सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया।सास, ससुर और पति को मृत दिखाकर संपत्ति अपने नाम कराने वाली महिला के खिलाफ कार्रवाई।
कर अधीक्षक मुन्ना राम को निलंबन की संस्तुति के साथ उनके वेतन पर रोक लगा दी गई। इसके अलावा, तत्कालीन कर निरीक्षक द्वितीय श्रेणी कुंवर विक्रम सिंह को भी उनकी संलिप्तता के चलते निलंबित कर दिया गया है।
अधिकारियों की मिलीभगत का खुलासा
नगर आयुक्त ने बताया कि इस धोखाधड़ी में नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे, जिनकी लापरवाही और अनियमितताओं के चलते यह जालसाजी सफल हो पाई।
जांच में यह भी पाया गया कि अर्पणा सिंह ने न केवल फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया, बल्कि नगर निगम के अधिकारियों की सहायता से यह संपत्ति अपने नाम करवाई थी।
नगर आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।