लखनऊ, 15 नवंबर 2024:
यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में जमीन की पैमाइश की अर्जी को पांच साल तक लटकाए रखने के मामले में एक आईएएस समेत चार अफसरों के निलंबन के बाद अब वहां की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और पूर्व डीएम महेंद्र बहादुर सिंह शासन के निशाने पर आ गए हैं।
इन दोनों आईएएस अफसरों से शासन के नियुक्ति विभाग ने जवाब तलब किया है। मालूम हो कि महेंद्र बहादुर अक्तूबर 2021 से जून 2024 तक डीएम रहे। दुर्गा शक्ति जून से डीएम हैं। इन दोनों अधिकारियों से पूछा गया है कि छह वर्ष से लटके पैमाइश के मामले को समीक्षा के दौरान उन्होंने क्यों नहीं देखा।
वायरल हुआ था भाजपा विधायक का वीडियो
इस मामले में भाजपा के चर्चित विधायक योगेश वर्मा ने पिछले दिनों एक अफसर को घेरकर काम न होने की वजह पूछी और रिश्वत के पैसे वापस मांगे तो हंगामा हो गया। इसका वीडियो वायरल होने पर मामला शासन तक पहुंच तक पहुंचा। सीएम योगी ने संज्ञान लिया तो एक अफसरों पर कार्रवाई का हंटर चला और एक आईएएस समेत चार अफसर निलंबित कर दिए गए। निलंबित हुए अफसर अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन अधिकारियों को राजस्व परिषद से अटैच कर दिया गया है।
ये अफसर हो चुके निलंबित
निलंबित किए जाने वालों में आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह, पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु शामिल हैं। इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।