गोण्डा, 17 सितम्बर:
विश्व हिन्दू महासंघ के तत्वावधान में सोमवार(16 सितम्बर) को उतरौला रोड स्थित मुजहा आश्रम में गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की 10वीं पुण्य तिथि पर एक भव्य समरसता भोज का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा देना था, साथ ही छुआछूत और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ एक सशक्त संदेश देना था।
मुख्य अतिथि, महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अस्पृश्यता समाज पर एक गहरा कलंक हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ, गोरक्षपीठ के पूर्व पीठाधीश्वर, ने हमेशा समरसता की बात की और छुआछूत के खिलाफ अपनी कठोर स्थिति रखी। उनके अनुकरण में, महासंघ ने समाज से छुआछूत और सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने का संकल्प लिया है।
भिखारी प्रजापति ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की “बटेंगे तो कटेंगे” वाली नसीहत को याद करते हुए कहा कि यह संदेश हमें समाज में सामाजिक एकता और समरसता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि महासंघ का यह उद्देश्य है कि समाज के हर वर्ग को समान सम्मान और अवसर मिले, और छुआछूत की कुरीतियों को पूरी तरह से समाप्त किया जाए।
महासंघ के जिला अध्यक्ष विजय मिश्रा ने कहा कि महासंघ की स्थानीय इकाइयों के सहयोग से हम वर्ष भर विभिन्न पर्वों और विशेष अवसरों पर समरसता भोज का आयोजन करते रहेंगे। यह भोज समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
गोरक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण दूबे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें भारत माता के आंचल को आतंक और अशांति से गंदा करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने होंगे। हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए किसी भी तरह की हिंसा और आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस अवसर पर मंडल प्रभारी सुंदर बाबू सिंह और अनिरुद्ध सिंह शाही ने भी अपने विचार साझा किए और समाज में अमन और शांति की जरूरत पर जोर दिया।
समारोह में राकेश दूबे, गल्ले महाराज, धीरेन्द्र सिंह, अखिलेश मिश्र संत, कुंवर सिंह, आशीष सिंह, नितीश मिश्रा, शुभम् तिवारी और अमित शुक्ल जैसे प्रमुख व्यक्ति भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर इस समारोह की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया और समाज में समरसता और एकता के संदेश को फैलाने का संकल्प लिया।
यह आयोजन गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने और समाज में समरसता को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। इसके माध्यम से महासंघ ने यह स्पष्ट किया है कि वह समाज के हर वर्ग को समान सम्मान देने और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध है।