वेस्ट त्रिपुरा/लखनऊ, 17 सितंबर 2024
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल 16 सितम्बर को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के साथ सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने पाकिस्तान को ‘मानवता का कैंसर’ बताते हुए कहा कि इसका इलाज केवल ऑपरेशन के माध्यम से ही संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि स्वतंत्रता के समय कांग्रेस और जोगेंद्र नाथ मंडल ने मुस्लिम लीग की साजिशों को विफल कर दिया होता, तो पाकिस्तान जैसा संकट उत्पन्न नहीं होता। वर्तमान में पाकिस्तान का ऑपरेशन शुरू हो चुका है और अब पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भारत में शामिल होना चाहते हैं, जबकि बलूचिस्तान भी पाकिस्तान से अलग होना चाहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धरती पर संत ईश्वरीय सत्ता के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं। जब इतने बड़े संख्या में संत किसी कार्य में जुड़ते हैं, तो उसे सफल होना ही है। हमें संतों के सानिध्य में धर्म जागरण के अभियान को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें मिलकर कार्य करना होगा और विधर्मियों को अवसर नहीं देना चाहिए। बांग्लादेश जैसी स्थिति की पुनरावृत्ति से बचने के लिए हमें ऐसी शक्तियों को समाप्त करना होगा और देश और धर्म को सुरक्षित रखना होगा।
सीएम योगी ने त्रिपुरा के राजा की शक्ति और सामर्थ्य की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में त्रिपुरा स्वतंत्र और सुरक्षित रहा। राजा ने जनता को एकजुट करके त्रिपुरा को विधर्मियों और विदेशी आक्रांताओं से बचाया। उन्होंने कहा कि सामर्थ्यवान व्यक्ति अपनी ताकत का एहसास अपने दुश्मनों को कराएगा और हमेशा सुरक्षित रहेगा। जो अपनी ताकत खोकर दुश्मनों और मित्रों को समझने में भूल करेगा, उसे बांग्लादेश की तरह खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि ये संगठन प्रोपेगेंडा और सौदेबाजी नहीं करते हैं। आरएसएस ने देश के विभाजन और हिंदुओं के कत्लेआम के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और कांग्रेस के विभाजनकारी रवैये का विरोध किया। उन्होंने 1905 के बंगभंग आंदोलन का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर उस समय बंगाल ने विरोध नहीं किया होता, तो देश की स्थिति क्या होती, यह सबको पता है।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि आरएसएस-विश्व हिंदू परिषद आज हजारों शिक्षण संस्थानों और सेवा प्रकल्पों के माध्यम से कार्य कर रही है। भारत के समय को देखते हुए, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को दुनिया की एक बड़ी ताकत बनाने की दिशा में अग्रसर हैं।
अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर सीएम योगी ने कहा कि यह पांच सदी का इंतजार समाप्त हुआ है। उन्होंने अयोध्या, मथुरा और काशी को सनातन धर्म के प्रमुख स्तंभ बताते हुए कहा कि ये स्थल आगे भी इसी रूप में पूजनीय रहेंगे।
सीएम योगी ने त्रिपुरा में सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण माहौल की सराहना करते हुए कहा कि आज से सात-आठ साल पहले यह संभव नहीं था। अब त्रिपुरा में धार्मिक क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है और उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए बुल्डोजर और भक्तों को प्रभु श्रीराम का मंदिर मिला है।
उन्होंने बताया कि सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन के बाद, उन्होंने विधिपूर्वक माता सिद्धेश्वरी की पूजा की और महायज्ञ में भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मंदिर प्रांगण में पौधरोपण भी किया और लोककल्याण की कामना की।
समारोह में सीएम योगी के साथ महाराजा चित्त रंजन देबबर्मा, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद विप्लब देब, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य, एनडीए के सहयोगी एवं त्रिपुरा राज परिवार के राजकुमार प्रमोद बिक्रम माणिक्य देब बर्मा, विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह मंत्री सचिंद्रनाथ सिन्हा और त्रिपुरा सरकार के मंत्री, विधायक एवं अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे।
बरकथल स्थित यह नवनिर्मित मंदिर शांति काली आश्रम द्वारा प्रबंधित 24 मंदिरों में से एक है। शांति काली आश्रम के प्रमुख महाराजा चित्त रंजन देबबर्मा हिंदू संस्कृति, परंपरा और धर्म की रक्षा के लिए कार्यरत हैं और उन्हें पिछले साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।