4 शहर, 10 करोड़ टारगेट, विदेशी कनेक्शन… सैफ के साइबर अड्डे की कहानी

mahi rajput
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दिल्ली,16 अक्टूबर 2024

दिल्ली पुलिस ने सैफ हैदर नाम के एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है. सैफ हैदर चीन और ताइवान के लोगों के साथ मिलकर देश में ठगी का कारोबार चला रहा था. बाकायदा चार शहरों में इसके डॉर्करूम बने हुए थे, जहां से डिजिटल अरेस्ट से लेकर साइबर ठगी का पूरा खेल खेला जा रहा था.

आज कल तो लोग जेल छोड़िए अपने घरों में कैद हो जा रहे हैं. ये कैद भी कोई आम कैद नहीं होती. मेंटल टॉर्चर, धमकी और धन उगाही सब कुछ इस कैद में रह रहे व्यक्ति से की जाती है. इस कैद में रहने के दौरान व्यक्ति भी कुछ समझ नहीं पाता है और अपना सबकुछ लुटा लेता है. इस कैद का नाम है ‘डिजिटल अरेस्ट’. इसमें व्यक्ति को पुलिस अरेस्ट नहीं करती, बल्कि साइबर ठग अरेस्ट करते हैं. वो भी अपनी शर्तों पर. शर्तें भी ऐसी-ऐसी होती हैं कि डिजिटल अरेस्ट हुआ व्यक्ति मानने को मजबूर हो जाता है.

दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही एक डिजिटल अरेस्ट गैंग का खुलासा किया है. इस गैंग के सरगना का नाम सैफ हैदर है. सैफ हैदर चीन, ताइवान और इंडिया के लोगों के साथ मिलकर इस पूरे गैंग को दिल्ली से ऑपरेट कर रहा था. पुलिस को सैफ हैदर तक पहुंचाने में इसी के दोस्तों ने मदद की. दोनों दोस्तों का नाम लीलेश और जयेश है. जब लीलेश और जयेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो सैफ हैदर के नाम का खुलासा हुआ. सैफ को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की.

डिजिटल अरेस्ट गैंग में विदेशी भी

सैफ हैदर ने बताया कि उसकी गैंग में देशे के लोगों के साथ-साथ विदेशी भी थे. दो ताइवान नागरिक वांग चुन वेई और शेन वेई हाव बेंगलुरु में डॉर्करूम में इसको ऑपरेट कर रहे हैं. सैफ हैदर ने ये भी बताया कि इस गैंग के मुख्य सरगना ची संग उर्फ मॉर्क और चांग हाव यून हैं. ये दोनों इसी महीने 10 अक्टूबर को ताइवान से हॉन्गकॉन्ग की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे थे. ताज होटल में जैसे ही इन्होंने अपना लैपटॉप खोला, साइबर पुलिस ने दबोच लिया.

जब इन दोनों और सैफ हैदर को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई तो इन्होंने बताया कि देशभर में इन्होंने चार डॉर्करूम बना रखे थे. ये डॉर्करूम वडोदरा, मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में थे. जब कोई व्यक्ति डिजिटल अरेस्ट होता था तो उससे मोटी रकम वसूली जाती थी. ये रकम इंडिया में न रखकर नेट बैंकिंग की मदद से चीन, ताइवान और दुबई भेज दी जाती थी. ये भी बता दें कि अभी तक पुलिस केवल आरोपियों को ही गिरफ्तार कर पाती थी. ऐसा पहली बार हुआ है, जब इनके डॉर्करूम को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली है.

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