
अंशुल मौर्य
वाराणसी,11 फरवरी 2025:
यूपी के वाराणसी में 12 फरवरी को दो महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर एक साथ मनाए जा रहे हैं – माघी पूर्णिमा और संत रविदास जयंती। अनुमान है कि आने वाले दिनों में काशी में 50 लाख से अधिक भक्तों के आगमन की संभावना है, जबकि बुधवार को होने वाले रविदास जयंती कार्यक्रम में 15-20 लाख श्रद्धालुओं का शामिल होने का अनुमान है। वर्तमान में घाट से लेकर मंदिर तक श्रद्धालुओं की 5 किलोमीटर लंबी कतार देखने को मिल रही है। संत रविदास मंदिर में तो पंजाब से भी पाँच लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
भव्य भीड़:
वाराणसी में गंगा घाट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। गिरजाघर, गोदौलिया चौराहे, तथा दशाश्वमेध घाट पर वाहनों की आवागमन पर रोक लगाई गई है, जिससे यातायात में रुकावट न आए।
प्रशासनिक तैयारी:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के जोनल कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, एडीजी वाराणसी जोन, आईजी, डीआईजी समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर बेहतर ट्रैफिक और इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान लागू करने के कड़े निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें न लगें और कहीं भी ट्रैफिक जाम न हो।
यातायात नियंत्रण:
महाकुम्भ स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज से निकलकर अयोध्या और वाराणसी की ओर प्रवाहित हो रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर मार्ग से लेकर घाटों तक भक्तों की भारी भीड़ नजर आ रही है। श्रद्धालुओं के सुरक्षित आवागमन के लिए उन्हें रामापुरा वाले मार्ग पर भेजा जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय आगमन:
देशभर के भक्तों के अलावा जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल, भूटान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और न्यूजीलैंड से भी श्रद्धालु काशी पहुंचे हुए हैं।
प्रशासनिक टिप्पणी:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि इन सभी उपायों का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा एवं ट्रैफिक की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करना है। प्रशासन ने इमरजेंसी क्राउड मैनेजमेंट प्लान को लागू कर भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया है।