
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 12 फरवरी 2025:
संत शिरोमणि गुरु रविदास की 648वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को वाराणसी में भव्य आयोजन किया गया। लाखों श्रद्धालुओं ने उनकी जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर स्थित गुरु मंदिर में दर्शन किए और श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
श्री गुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों और सदस्यों ने परंपरागत रूप से स्वर्ण पालकी में विराजमान संत गुरु रविदास की प्रतिमा का पूजन किया। सच्चाखंड बल्ला धाम के गद्दीनशीन वयोवृद्ध संत निरंजन दास की अगुवाई में अमृतवाणी ग्रंथ का पाठ किया गया, जिससे समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया।
लंगर व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
गुरु रविदास की जयंती पर विशाल लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही, संगीत, नृत्य और नाटकों के माध्यम से गुरु रविदास की शिक्षाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। श्रद्धालुओं ने इन कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग लिया और गुरु की महिमा का गुणगान किया।
गुरु की शिक्षाओं को अपनाने का लिया संकल्प
यह उत्सव न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक था, बल्कि गुरु रविदास की शिक्षाओं और उनके जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का भी एक अवसर बना। श्रद्धालुओं ने उनके बताए गए समानता, प्रेम और भाईचारे के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। गुरु रविदास की जयंती पर वाराणसी में आयोजित यह भव्य आयोजन भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बना और उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में सहायक रहा।
