
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 28 सितंबर 2025:
यूपी के वाराणसी जिले में कांग्रेस द्वारा आयोजित मतदाता अधिकार सम्मेलन को लेकर विवाद खड़ा हो गया। पहले पराड़कर स्मृति भवन में तय यह कार्यक्रम अचानक बुकिंग कैंसिल होने के बाद मैदागिन स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित करना पड़ा। भवन प्रबंधन द्वारा तकनीकी खराबी का हवाला दिए जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कोतवाली सर्कल के एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी के बीच तीखी झड़प हुई। हालांकि बाद में राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सम्मेलन में हिस्सा लेकर सरकार पर कई सवाल दागे
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने प्रशासन पर राजनीतिक दबाव में बुकिंग रद्द करने का आरोप लगाया। उन्होनें कहा कि पराड़कर भवन में मतदाता अधिकार सम्मेलन के लिए शुल्क जमा कर अनुमति पहले ही ली गई थी, फिर भी इसे रद्द करना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। वरिष्ठ नेता संजीव सिंह ने इसे सरकार की जनविरोधी नीति करार देते हुए कहा कि यह कदम जनता की आवाज दबाने की कोशिश है।
सड़क पर जमा कांग्रेसियों से पुलिस अफसरों के बीच झड़प भी हुई। झड़प के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च कर मैदागिन स्थित कांग्रेस कार्यालय में सम्मेलन आयोजित किया। राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत समेत कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में किसान, छात्र, महिलाएं, बुनकर और युवा शामिल हुए। सम्मेलन का मुख्य मुद्दा उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची में कथित अनियमितताएं और वोट चोरी रहा, जिसे कांग्रेस ने संगठित चुनावी गड़बड़ी का हिस्सा बताया। उन्होंने मतदाता अधिकारों की रक्षा और वोट चोरी के ख़िलाफ़ निर्णायक संघर्ष पर अपने विचार रखते हुए जनता से लोकतंत्र को मज़बूत बनाने का आह्वान किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “संवाद और सम्मेलन को रोकना लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। भाजपा और प्रधानमंत्री जनता की सच्चाई से डरे हुए हैं।” उन्होंने प्रशासन के दबाव के बावजूद मतदाता सूची की गड़बड़ियों को उजागर करने और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई। कांग्रेस ने ऐलान किया कि यह मुहिम अब पूरे प्रदेश में चलेगी और हर जिले में जनसंवाद व सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।