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अब टोल टैक्स से मिलेगा कमाई का मौका, NHAI की इस स्कीम से मिल सकता है 10% तक रिटर्न

NHAI के राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट को सेबी की मंजूरी मिलने के बाद अब आम निवेशक नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स में निवेश कर टोल टैक्स से होने वाली कमाई में हिस्सा ले सकेंगे, जिससे करीब 10 प्रतिशत तक रिटर्न की संभावना है

बिजनेस डेस्क, 25 दिसंबर 2025:

देश के आम निवेशकों के लिए निवेश का एक नया रास्ता खुल गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के ‘राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट’ (RIIT) को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल गई है। इस पहल के जरिए अब लोग नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स में सीधे निवेश कर सकेंगे और टोल टैक्स से होने वाली कमाई में हिस्सा पा सकेंगे।

म्यूचुअल फंड जैसा होगा निवेश मॉडल

यह स्कीम म्यूचुअल फंड की तरह काम करेगी, जहां निवेशक ट्रस्ट की यूनिट्स खरीदेंगे। इस ट्रस्ट के जरिए बनी हुई सड़कों को सरकार से लीज पर लिया जाएगा या उनका संचालन किया जाएगा। इन सड़कों पर चलने वाले वाहनों से मिलने वाला टोल टैक्स ट्रस्ट की आय बनेगा, जिसे खर्च निकालने के बाद निवेशकों में बांटा जाएगा। अनुमान है कि इससे निवेशकों को करीब 10 प्रतिशत तक रिटर्न मिल सकता है।

आम निवेशक को मिलेगा सरकारी भरोसा

अब तक हाईवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश केवल बड़ी कंपनियों या विदेशी निवेशकों तक सीमित था, लेकिन इस पब्लिक इनविट के जरिए रिटेल निवेशकों को भी मौका मिलेगा। चूंकि यह NHAI की पहल है, इसलिए इसमें सरकारी भरोसा जुड़ा रहेगा। यह स्कीम उन लोगों के लिए खास मानी जा रही है, जो बैंक एफडी से बेहतर और नियमित इनकम की तलाश में हैं।

बैंक करेंगे निवेश का प्रबंधन

निवेश की सुरक्षा और संचालन के लिए NHAI ने ‘राजमार्ग इंफ्रा इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की कंपनी बनाई है। इसमें देश के 10 बड़े वित्तीय संस्थान शामिल हैं, जिनमें एसबीआई, पीएनबी, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, यस बैंक, बजाज फिनसर्व वेंचर्स और नाबफिड शामिल हैं। NHAI के मेंबर (फाइनेंस) एनआरवीवीएमके राजेंद्र कुमार इस कंपनी के एमडी और सीईओ का अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगे।

ऐसे कर पाएंगे निवेश

यह एक लिस्टेड इनविट होगा, इसलिए निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी होगा। इसके आईपीओ के दौरान निवेशक अपने ब्रोकर ऐप के जरिए इसमें पैसा लगा सकेंगे। लिस्टिंग के बाद इसकी यूनिट्स को शेयर बाजार में खरीदा और बेचा भी जा सकेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के जरिए सड़क, बिजली और अन्य परियोजनाओं से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा निवेशकों को डिविडेंड के रूप में दिया जाएगा।

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