आगरा, 4 अक्टूबर 2024
उत्तर प्रदेश के आगरा में बचपन में लापता हुए एक लड़का 22 साल बाद अपने परिवार से मिला। यह संभव हो सका राजकीय रेलवे पुलिस,आगरा की तत्परता से।
बबलू नाम का यह लड़का चार साल की उम्र में ट्रेन से यात्रा करते समय लापता हो गया था। उसने लगभग दो दशकों बाद पहली बार अपनी माँ को गले लगाया। यह पल उसके परिवार के लिए ही नही बल्कि सभी को भावुक करने वाला था।
आगरा राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सूचना मिली कि एक व्यक्ति दिल्ली के आश्रय गृह में सफाईकर्मी के रूप में काम कर रहा है। वह अपने बचपन की कहानियाँ बता रहा था, जिसमें रेलवे स्टेशन पर अपने परिवार से बिछड़ना भी शामिल था।
विवरण से उत्सुक होकर प्रभारी ऑफिसर रिपुदमन सिंह के नेतृत्व में जीआरपी टीम ने जांच शुरू की।
आश्रय गृह में नियमित परामर्श सत्र के दौरान बबलू ने अधिकारियों से संपर्क किया और अपनी आपबीती सुनाई। उसे अपने पिता का नाम सुखदेव शर्मा, अपनी मां का नाम अंगुरी देवी याद था और याद आया कि उसके गांव का नाम “धनौरा” था, हालांकि उसे उसके सटीक स्थान के बारे में पता नहीं था।
“सी-प्लान ऐप” और गूगल मैप्स का उपयोग करते हुए जीआरपी ने बिजनौर, बागपत और बुलंदशहर सहित उत्तर प्रदेश के जिलों में धनौरा नामक गांव की खोज की।
अंततः उन्हें सही गांव मिल गया, जहां स्थानीय लोगों ने पुष्टि की कि बबलू नाम का एक लड़का दो दशक पहले लापता हो गया था।
सालों की तलाश के बाद जब बबलू को आखिरकार घर लाकर परिवार से मिलाया गया।
लड़के के परिवारजनों और अन्य लोगों ने जीआरपी के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा और टीम के अथक प्रयासों के लिए उनका गहरा आभार व्यक्त किया।