
लखनऊ, 14 अप्रैल 2025:
पूर्व नेशनल कोआर्डिनेटर रहे आकाश आनन्द के लिए बसपा के बंद दरवाजे फिर खुल गए हैं। पार्टी मुखिया ने ससुर अशोक सिद्धार्थ के साथ गुटबाजी करने आदि के आरोप में उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया था। आकाश ने अपना माफीनामा एक्स पर पोस्ट किया है तो मायावती ने भी उन्हें एक्स पर ही एक और मौका देने की बात कही है।

आकाश ने कहा… गलती हो गई, ससुराल वालों की सलाह नहीं लूंगा, एक मौका दिया जाए
आकाश आनन्द और बसपा मुखिया मायावती के बीच एक्स पर हुआ ये संवाद पार्टी में चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले आकाश आनन्द की बात करें तो उन्होंने एक्स पर अपने अकाउंट पर कहा कि मैं बसपा मुखिया को दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं। मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को व खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा। सिर्फ आदरणीय बहन जी के दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा। तथा पार्टी में अपने से बड़ों की व पुराने लोगों की भी पूरी इज्जत करूंगा। कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्वीट के लिए भी माफी मांगता हूं जिसकी वजह से मुझे पार्टी से निकाला गया और आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा। मेरी अपील है कि वे मेरी सभी गलतियों को माफ करके मुझे पुन: पार्टी में कार्य करने का मौका दिया जाए।
मातावती बोलीं…आकाश को एक और मौका, ससुर अशोक बाहर ही रहेंगे, मेरा उत्तराधिकारी कोई नहीं
इसके जवाब में बसपा मुखिया मायावती ने भी एक्स पर ही आकाश के पोस्ट का जवाब दिया। कहा कि आकाश आनन्द द्वारा सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने व सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने के साथ ही अपने ससुर की बातों में आगे नहीं आकर बीएसपी पार्टी व मूवमेन्ट के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिया जा रहा है। अभी मैं स्वस्थ्य हूँ ऐसे में मेरे उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश ने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने ससुर की बातों में अब आगे नहीं आने का संकल्प व्यक्त किया है, किन्तु आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियाँ अक्षम्य हैं। उन्होंने गुटबाजी आदि जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के कैरियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए उनको माफ करने व पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।
