
वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 18 जुलाई 2025
अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और वैश्विक आतंकी (SDGT) घोषित कर दिया है। यह वही संगठन है जिसने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्क रूबियो ने कहा कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का एक ‘प्रॉक्सी’ संगठन है और यह भारत में अस्थिरता फैलाने के उद्देश्य से लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। यह फैसला अमेरिका के Immigration and Nationality Act की धारा 219 और Executive Order 13224 के तहत लिया गया है।
TRF की स्थापना अक्टूबर 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुई थी और इसे एक स्थानीय कश्मीरी प्रतिरोध आंदोलन के रूप में पेश किया गया था, हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार यह वास्तव में लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है, जिसे अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए अलग पहचान दी गई।
अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन घोषित किए जाने से TRF की वित्तीय संपत्तियों और यात्रा से जुड़ी गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी। इसके अलावा वैश्विक मंच पर इसे आतंक-प्रायोजक संगठन माना जाएगा। अमेरिकी प्रशासन का यह कदम भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
भारत सरकार पहले ही TRF पर प्रतिबंध लगा चुकी है और इसके सरगना शेख सज्जाद गुल को आतंकवादी घोषित कर चुकी है। TRF का उद्देश्य भारतीय नागरिकों, सुरक्षाबलों, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले करना, हथियार व मादक पदार्थों की तस्करी, और आतंकवादियों की भर्ती जैसे गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
यह फैसला भारत में 2008 के मुंबई हमलों के बाद हुए सबसे घातक नागरिक हमले के बाद आया है, जिसने भारत और अमेरिका दोनों को फिर से एकजुट कर दिया है।