नई दिल्ली,28 अक्टूबर 2024
अमित शाह, बीजेपी के ‘चाणक्य’, ने चुनावी राजनीति में अपनी काबिलियत साबित की है। पार्टी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने बीजेपी को मजबूत किया है और पीएम मोदी के साथ उनके तालमेल की मिसाल दी जाती है। अब शाह ने पश्चिम बंगाल को अपने लिए बड़ा लक्ष्य बनाया है। सवाल यह है कि उन्होंने यह लक्ष्य क्यों रखा है।
अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों और आरजी कर की घटना के बाद, अमित शाह ने हाल ही में पश्चिम बंगाल का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी की सदस्यता अभियान की शुरुआत की। उन्होंने घोषणा की कि बीजेपी का अगला बड़ा लक्ष्य 2026 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में सरकार बनाना है।बीजेपी ने 2019 में बंगाल से 30 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन उसे केवल 12 सीटें मिलीं।
संदेशखाली मुद्दे पर बीजेपी ने महिला सुरक्षा को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की, जिसमें उन्होंने रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाकर एक मजबूत संदेश देने का प्रयास किया। हालांकि, पार्टी महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे को प्रभावी ढंग से भुनाने में असफल रही, जिससे उसे बड़ा झटका लगा।इस असफलता का शाह पर गहरा प्रभाव पड़ा है, और अब वह नहीं चाहते कि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में फिर से पिछड़े।
ममता को इन मुद्दों पर घेर रही बीजेपी
- घुसपैठ
- भ्रष्टाचार और कट मनी कल्चर
- केंद्रीय फंड का दुरुपयोग
- कानून-व्यवस्था
- महिला सुरक्षा
- अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी लगातार अपनी स्थिति मजबूत कर रही हैं, जबकि बीजेपी की मोदी लहर और शाह की रणनीतियां बेअसर साबित हो रही हैं। ममता ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अपनी ताकत दिखाकर संदेश दिया है कि बंगाल में उनका कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में अमित शाह के लिए सबसे बड़ी चुनौती ममता को पटखनी देकर बीजेपी की स्थिति को मजबूत करना है।