छोटी चिप से बड़ी उम्मीदें: उत्तर प्रदेश बन रहा है सेमीकंडक्टर विनिर्माण का हब

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कोमल शर्मा

वरिष्ट पत्रकार

तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की बात करने वाले भारत के लिए जरूरी है कि हर बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी चीज में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ता रहे… उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित तीन दिवसीय सेमिकॉन इंडिया 2024 एक्सपो इस दिशा में एक नायाब कदम माना जाना चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश आने वाले समय में सेमीकंडक्टर विनिर्माण का हब बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 सितंबर को एक्सपो का उद्घाटन करते हुए भी कुछ इसी तरह की बात कही कि “आज का भारत दुनिया को ये भरोसा देता है कि जब हालात ठीक ना हो, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “दुनिया के हर उपकरण में भारत में बनी चिप लगी हो। हम भारत को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

सरकार सेमी कंडक्टर के विनिर्माण में 1.5 लाख करोड़ का निवेश अब तक कर चुकी है और लगातार इस क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं पर विचार हो रहा है, जिसमें अब उत्तर प्रदेश भी शामिल हो गया है।"


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
सीएम ने कहा भी कि यह राज्य सेमी कंडक्टर डिज़ाइन के क्षेत्र में लीडर बनेगा। उत्तर प्रदेश ने आईटी सेक्टर, डाटा सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर पर विशेष ध्यान दिया है। आज उत्तर प्रदेश वैश्विक सेमीकंडक्टर डिजाइन के इंजीनियर्स के हब के रूप में स्थापित हो रहा है। मीडिया टेक, ईआरएम, क्वॉलकॉम,एनएचपी, सिनॉप्सिस कैंडेंस जैसी प्रमुख कंपनियां यहां स्थापित हैं, जो उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर की डिजाइन में नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रही हैं।
सच तो यह है कि उत्तर प्रदेश में सेमी कंडक्टर प्रोडक्शन के क्षेत्र में नये युग की शुरुआत हो गयी है।

सेमी कंडक्टर आसान भाषा में जानें क्या होता है
सेमी कंडक्टर का मतलब अर्धचालक होता है और इसका इस्तेमाल करंट को नियंत्रित करने में किया जाता है। सेमी कंडक्टर असल में सिलिकॉन से बनाए जाते हैं जो चिप फॉर्म में होते हैं। मौजूदा समय में जितनी भी कारे मार्केट में अवेलेबल हैं उन सभी में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल करंट को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इनके बगैर मौजूदा कारों की कल्पना करना बेकार है क्योंकि ये ना हों तो कार के हाईटेक फीचर्स को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ऐसे में आपकी कार चुनिंदा फीचर्स के साथ उपलब्ध होगी। कारों को चलता फिरता कंप्यूटर बनाने में सेमीकंडक्टर की अहम भूमिका है।

किन पार्ट्स में होता है इस्तेमाल
कारों में सेमी कंडक्टर इस्तेमाल हेड्स अप डिस्प्ले, ऑटोनॉमस ड्राइविंग ऐड, सेन्सर्स, सेलफोन और कम्यूनिकेशन इंटीग्रेशन के साथ उच्च दक्षता वाले इंजन के एलिमेंट्स में होता है। इसके साथ ही ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग के लिए रियर कैमरा और सेंसर्स कंट्रोल, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन चेंज असिस्ट, एयरबैग और इमरजेंसी ब्रेकिंग में भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है। आपको बता दें कि कार के इन पार्ट्स को और ज्यादा बेहतर और हाईटेक बनाने में सेमीकंडक्टर जरूरी भूमिका अदा करते हैं।


सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में ताईवान सबसे ताकतवर देश है। जाहिर सी बात है कि इतनी छोटी सी चिप को लेकर जब एक-दो देशो पर पूरी दुनिया की निर्भरता होगी, तो उसकी कमी भी उतनी ही महसूस होगी। इसी कारण कई बड़ी कार कंपनी का प्रोडक्शन इस चिप के कारण कई बार धीमा हुआ। सेमीकंडक्टर की सबसे ज्यादा कमी कोविड महामारी के दौरान महसूस हुई। जिसके बाद केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए। देश में बहुत ही कम समय में 1.5 ट्रिलियन से ज्यादा इस क्षेत्र में निवेश हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसे लेकर बहुत उत्साहित है। इसलिए सेमीकॉन इंडिया एक्सपो में उन्होने मंत्र दिया “चिप की संख्या बढ़ाना, भारत में उत्पादन बढ़ाना” इसके लिए “इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन” चलाया जा रहा है। गुजरात और असम के साथ अब उत्तर प्रदेश भी सेमीकंडक्टर का हब बनने की तैयारी में है कई देश और उनकी कंपनियां अब इस माईक्रोचिप के लिए भारत की ओर देख रही है।

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