Bihar By-Election: बिहार में 12 रैलियां करेंगे ओमप्रकाश राजभर, नवादा की रैली में गरजे

ankit vishwakarma
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पटना, 28 अक्टूबर,2024
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर पूरे बिहार में 12 जगहों पर रैली करेंगे। यह रैली बिहार के अलग-अलग जिलों में होगी। यह बातें ओमप्रकाश राजभर ने रविवार को बिहार के नवादा जिले के सीतामढ़ी में आयोजित एक रैली में कही।

राजभर ने कहा कि बिहार में बड़ी संख्या में राजभर, रजवार, राजवंशी, राजघोष जाति के लोग रहते है लेकिन बिहार की राजनीति में इनका कोई अस्तित्व नहीं है। बिहार की राजनीति में राजनीतिक दल इनके वोट का इस्तेमाल कर के केवल सत्ता प्राप्त करते रहे। लेकिन अब इन जातियों को कोई नहीं बहका सकता है। इनकी लड़ाई सुभासपा लड़ेगी। राजभर ने अपनी पार्टी के 22वें स्थापना दिवस के अवसर पर इस महिला जागरूकता महारैली का आयोजन किया था।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित-वंचितों की आवाज बन चुकी सुभासपा अब पूरे बिहार प्रदेश में पैर जमाने जा रही है। बिहार की इस पवित्र भूमि पर पार्टी अपना 22 वां स्थापना दिवस मना रही है। राजभर ने शराबबंदी पर भी नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समाज में पूर्णरूप से शराबबंदी जरूरी है। शराबबंदी से ही गरीबों का कल्याण होगा लेकिन बिहार में शराबबंदी के नाम पर गांव-गांव शराब बिकवाई जा रही है। शराब से आए दिन मौत हो रही है। शराबबंदी पूरे देश में होना चाहिए, तभी ग़रीब को न्याय, सम्मान मिल सकेगा। घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिए पूरे देश में पूर्ण शराबबंदी जरूरी है। जब तक शराबबंद नहीं होगी, तब तक गरीबों का कल्याण नहीं होगा।

राजभर ने कहा कि सुभासपा शुरू से ही महिलाओं के हक़, अधिकार, मान-सम्मान के लिए अनवरत लड़ रही है। पार्टी की प्रदेश में जो पहचान बनी है, उसमें आधी आबादी का महत्वपूर्ण योगदान है। माताओं-बहनों का सबसे अधिक आशीर्वाद और सहयोग उन्हें मिल रहा है। पार्टी ने जब भी सामाजिक मुद्दों पर बड़े आंदोलन किए, तब पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि पार्टी अब अपना विस्तार महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक करने जा रही है। उत्तर प्रदेश के बाहर इन राज्यों में भी पार्टी को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोगों के समझ में आना चाहिए कि 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है तो उन्हें 50 फीसदी हिस्सेदारी भी मिलनी चाहिए। यही ललकारने के लिए यह कार्यक्रम किया है।

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