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लखनऊ के फैजुल्लागंज में डेंगू से मौत का सिलसिला जारी, स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के आरोप

लखनऊ, 27 सितंबर 2024:

शहर में डेंगू से मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बृहस्पतिवार सुबह, एक निजी अस्पताल में भर्ती 18 वर्षीय छात्र श्रेयांश श्रीवास्तव की डेंगू के कारण मौत हो गई। श्रेयांश, श्रीनगर, फैजुल्लागंज का निवासी था और पिछले सात दिनों से डेंगू से जूझ रहा था। उसे शहीद पथ स्थित एक कॉरपोरेट अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

पिछले तीन दिनों में फैजुल्लागंज इलाके में यह डेंगू से दूसरी मौत है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। इससे पहले, मंगलवार को एक अन्य महिला मरीज सामंती की डेंगू से मौत हो गई थी। लगातार हो रही मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाए जा रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया:

स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि श्रेयांश की मौत की जांच के लिए डेथ ऑडिट कराया जाएगा। इसके साथ ही, विभाग द्वारा एंटी-लार्वा छिड़काव और फॉगिंग की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। हालांकि, स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इलाके में सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है, और विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर्याप्त नहीं है।

सामाजिक कार्यकर्ताओं की चिंता:

सामाजिक कार्यकर्ता ममता त्रिपाठी ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि फैजुल्लागंज क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था बेहद खराब है, जिससे डेंगू के मामलों में तेजी आई है। त्रिपाठी ने मांग की है कि इलाके में तुरंत प्रभावी एंटी-लार्वा छिड़काव और फॉगिंग की जाए, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। उनका यह भी कहना है कि अगर इसी तरह लापरवाही जारी रही तो इलाके में डेंगू से होने वाली मौतों की संख्या और बढ़ सकती है।

स्थानीय निवासियों में डर:

इलाके में डेंगू के प्रकोप से लोग सहमे हुए हैं। एक ही क्षेत्र में लगातार दो मौतों के बाद लोग अपने परिवार और बच्चों की सेहत को लेकर चिंतित हैं। फैजुल्लागंज के निवासी अब प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि और अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।
फैजुल्लागंज में डेंगू के कारण हो रही मौतें प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं। इस समस्या को नजरअंदाज करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, और अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो मौतों की संख्या और बढ़ सकती है।

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