ग्वालियर, 21 अक्टूबर, 2024
दिल्ली में बैठे अंतर्राष्ट्रीय ठगों ने ग्वालियर के एक व्यापारी को 49 लाख का चूना लगा दिया। यह धोखाधड़ी पिछले एक साल से चल रही थी। कारोबारी मोटे मुनाफे के लालच में धीरे-धीरे करके 49 लाख की रकम फंसा चुका था। बाद में उसे कुछ शक हुआ। इसके बाद जब उसने रॉ मटेरियल सप्लाई करने वाली कंपनी के बारे में गूगल किया तब पता चला कि ये कंपनी फर्जी है। इसके बाद मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच पुलिस में की गई। क्राइम ब्रांच ने मामले में दो आरोपियों को पकड़ा है जिनमें से एक विदेशी मूल का है। वहीं, अब दोनों से पूछताछ की जा रही है और उनके अन्य साथियों का पता लगाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार इंग्लैंड में स्थित एक दवा कंपनी द्वारा मोटापे की मेडिसिन बनाने के लिए भारत में हैदराबाद के पास रंगा रेड्डी शहर से रॉ मैटेरियल मंगवाने के नाम पर ये धोखाधड़ी की गई है। इसके लिए ग्वालियर के कारोबारी विजय शर्मा को 20 फ़ीसदी कमीशन हर कंसाइनमेंट के साथ देने का झांसा दिया गया था। इंग्लैंड में स्थित फार्मा कंपनी का प्रतिनिधि लॉरेंस एल्विस ने ग्वालियर के विजय शर्मा से बातचीत कर कहा था, कि उनकी कंपनी मोटापे की दवाई बनाती है। इसके लिए कुछ ऑर्गेनिक रॉ मैटेरियल भारत से उन्हें इंपोर्ट करना है। ठगों ने कारोबारी को यह भी बताया था, कि यह रॉ मैटेरियल रंगा रेड्डी शहर आंध्र प्रदेश में मिल जाएगा और इसे आप हमें भारत से एक्सपोर्ट करते हैं तो हम आपको हर कंसाइनमेंट पर 20 फीसदी कमीशन देंगे। इसके साथ ही एल्विस ने कंपनी के एक प्रतिनिधि का नंबर भी विजय शर्मा को दिया था।
फार्मा कंपनी के प्रतिनिधि की बातचीत में फंसकर विजय शर्मा लालच में आ गए और उन्होंने पहले 8 लाख रुपए में सैंपल खरीद कर फार्मा कंपनी के प्रतिनिधि को भेजा। उसने विजय शर्मा का सैंपल भी पास कर दिया था। इसके बाद उन्होंने कहा ,कि वह ज्यादा मात्रा में ही माल खरीद सकेंगे। इसके बाद पिछले साल जुलाई से लेकर अब तक कारोबारी विजय शर्मा ने करीब 49 लाख का मटेरियल उन्हें भेज दिया, लेकिन फार्मा कंपनी के नाम पर ठगों की डिमांड बढ़ती जा रही थी। इससे उन्हें कुछ शक हुआ और जब उन्होंने बताई गई कंपनी एग्रो हर्बल का गूगल पर पता किया, तो पता चला कि यह फर्जी कंपनी है। इसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस में मामले की शिकायत की गई।
पूरे मामले में जब क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच शुरू की और भेजी गई रकम की डिटेल निकाली, तो वह करीब 15 खातों से लिंक मिली। इसके बाद किशनगंज इलाके से तंजानिया का रहने वाला टेरी ओबो और मेरठ की रहने वाली वीनस रावत को पकड़ा गया है। अब इनसे पूछताछ की जा रही है। इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने देश के कई कारोबारियों को इसी तरह से चूना लगाया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। रंगा रेड्डी की जिस कंपनी से यह सैंपल मांगे गए थे उसका नाम एग्रो हर्बल बताया गया है। आरोपियों के कब्जे से लैपटॉप पांच मोबाइल सिम कार्ड और कुछ नकदी भी मिली है।