पटना,25 अक्टूबर 2024
बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है। ईडी की टीम ने हंस को पटना के बेऊर जेल से रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू की है। अधिकारियों ने हंस के पास से बरामद महंगी घड़ियों, जमीन-जायदाद और गाड़ियों के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी है। ईडी को संदेह है कि यह संपत्ति अवैध तरीकों से अर्जित की गई हो सकती है।
ईडी ने संजीव हंस से 40 लाख की घड़ियों के बारे में पूछा, जो उन्होंने गिफ्ट में प्राप्त करने का दावा किया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि एक आईएएस अधिकारी के लिए इतनी महंगी घड़ियां स्वीकार करना उचित नहीं है, क्योंकि कोई भी बिना वजह इतने महंगे उपहार नहीं देता। ईडी की छापेमारी में हंस के पास से 15 घड़ियां बरामद हुई थीं, जिनकी कुल कीमत करीब 40 लाख रुपये है।
ईडी ने संजीव हंस से उनकी मर्सिडीज गाड़ी के बारे में भी पूछताछ की, जो एक कंपनी की तरफ से दी गई थी। ईडी जानना चाहती है कि इस कंपनी से हंस के क्या संबंध हैं और गाड़ी क्यों दी गई। इसके अलावा, हंस से झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव, उनकी पत्नी एमएलसी अंबिका यादव और बिचौलिया पुष्पराज बजाज के साथ संबंधों के बारे में भी सवाल किए गए। ईडी ने हंस से पूछा कि वे इन लोगों से कब, कैसे और कहां मिले थे और उनके साथ लंबे समय से संबंध का क्या मतलब है।
ईडी ने संजीव हंस से दिल्ली के आनंद निकेतन कॉलोनी में प्रवीण चौधरी के नाम पर बंगला नंबर सी-35 खरीदने के बारे में भी पूछताछ की। एजेंसी जानना चाहती है कि इस बंगले की खरीद के लिए पैसे कहां से आए और बेनामी संपत्ति खरीदने की मुख्य वजह क्या थी। ईडी सूत्रों के अनुसार, हंस पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब घुमा-फिरा कर दे रहे हैं और सीधे तौर पर कुछ नहीं बता रहे हैं। जल्द ही ईडी हंस के साथ सभी आरोपियों को बैठाकर पूछताछ कर सकती है।