फर्जी शादी का जाल: तीन संस्थाएं फंसी कानूनी पचड़े में, ट्रेनिंग की आड़ में धोखाधड़ी

mahi rajput
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गाज़ियाबाद,19 अक्टूबर 2024

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से फर्जी तरीके से शादी कराने का मामला सामने आया है। फर्जी डॉक्युमेंट्स पर गलत तरीके से शादी करवाने के मामले में पुलिस एक्शन मोड में आई है। लखनऊ की संस्था से मांगी गई रिपोर्ट के बाद गाजियाबाद में कार्रवाई की गई है। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि इस मामले में कई शिकायतें मिल रही थीं, जिसके लिए लखनऊ के हेड ऑफिस से संस्थाओं के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। वहां से इस प्रकार की मंजूरी नहीं मिलने की जानकारी आने के बाद नंदग्राम, विजयनगर और कविनगर थाने में केस दर्ज किया गया है।

कविनगर थाने में एसआई रवि राजकुमार ने आर्य समाज विवाह मंदिर ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) नाम की संस्था पर रिपोर्ट दर्ज करवाई है। विजयनगर में एसआई प्रेम सिंह की शिकायत पर वैदिक समाज कल्याण समिति और नंदग्राम में एसआई बृजेश कुमार सिंह ने आर्य समाज मंदिर ब्रजनगरी नामक संस्था पर केस दर्ज करवाया है। डीसीपी ने बताया कि इस मामले में इस ट्रस्ट का रेकॉर्ड निकाला जा रहा है। अभी तक की जानकारी के अनुसार यहां सैकड़ों शादी हुई हैं, जहां लोगों को सर्टिफिकेट जारी की गए। मामले में डिटेल जांच की जा रही है।

बनवाया फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट

गाजियाबाद में एक नामी फायर फाइटिंग और हाई फॉल प्रोटेक्शन से जुड़े इक्यूप्मेंट बनाने वाली कंपनी से दूसरी फर्म के नाम पर पार्टनरशिप कर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपी टावर पर काम करने वालों के फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार कर उन्हें भेज रहे हैं। ऐसे में अनफिट लोगों की जान को खतरा हो सकता है। आरोप है कि इस दौरान 20 हजार से अधिक लोगों के ऐसे सर्टिफिकेट तैयार किए गए हैं।

एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि इस मामले में साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया में कंपनी चलाने वाली सीमा घई की शिकायत पर सोनी कुमारी, उमेश पूर्वे, उत्सव रात, सतीश कुमार, मोनू तोमर, अनुराग और वंदना के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है। शिकायत के अनुसार, सीमा के पति दिनेश घई की मुलाकात उमेश पूर्वे से करीब 12 साल पहले हुई थी। इस दौरान वह बीएसईएस में सेफ्टी ऑफिसर था। उसने खुद को सीआईएसएफ से रिटायर्ड बताया था।

उमेश ने मोबाइल टावर पर काम करने वाले लोगों की ट्रेनिंग के बिजनेस के बारे में बताया और किसी उन्हें भी 50 फीसदी की पार्टनरशिप के लिए राजी कर लिया। आरोपी ने कुछ दिन कंपनी चलाई। इसके बाद उसके बारे में कई शिकायतें आईं। एक मेडिकल कंपनी तैयार कर टावर पर काम करने के लिए लोगों के फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार किए गए। इसके अलावा कुछ महिला कर्मचारियों ने भी परेशान करने का आरोप लगाया है।

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