पुलिस स्मृति दिवस पर विशेष : गोरखपुर के छात्रों ने तैयार की ‘एआई स्मार्ट छड़ी’, पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक आविष्कार

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हरेन्द्र दुबे
गोरखपुर, 21 अक्टूबर 2024:

पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर गोरखपुर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम) के एआई बीटेक द्वितीय वर्ष के तीन छात्रों – आदर्श कुमार, प्रगति वर्मा, और रोहन श्रीवास्तव ने पुलिस के लिए एक अत्याधुनिक और बहुपयोगी एआई आधारित स्मार्ट छड़ी का आविष्कार किया है।

इस छड़ी का मुख्य उद्देश्य पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को बढ़ाना और उन्हें अपराधियों के खिलाफ एक प्रभावी आत्मरक्षा उपकरण प्रदान करना है। यह एआई छड़ी उन खतरनाक परिस्थितियों में विशेष रूप से उपयोगी साबित होगी, जब पुलिसकर्मी अकेले सुनसान क्षेत्रों में तैनात होते हैं और आपात स्थिति में फंसे होते हैं।

पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में बड़ा कदम: एआई पुलिस स्टिक

देशभर में कई ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जहां ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी अपराधियों के जानलेवा हमलों का शिकार होते हैं। खासकर सुनसान इलाकों और तनावपूर्ण परिस्थितियों में, जब पुलिसकर्मी अकेले होते हैं, उन पर दंगाई भीड़ या अपराधियों द्वारा हमला हो जाता है।

इन हमलों में कई बार पुलिसकर्मियों की जान भी चली जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति दिन औसतन एक पुलिसकर्मी की हत्या ड्यूटी के दौरान कर दी जाती है। इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, आदर्श, प्रगति और रोहन ने पुलिसकर्मियों के लिए एक खास एआई आधारित छड़ी विकसित की है, जिसे “एआई पुलिस स्टिक” नाम दिया गया है।

छात्र आदर्श कुमार ने बताया कि इस एआई पुलिस स्टिक का उद्देश्य पुलिसकर्मियों को आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाना है। यह छड़ी न केवल हथियार के रूप में काम करती है, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर इसे एक आरामदायक कुर्सी के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इस छड़ी का उपयोग पुलिसकर्मी किसी भी आपात स्थिति में आसानी से कर सकते हैं, चाहे वह भीड़ को नियंत्रित करना हो या फिर अपने लिए सुरक्षा कवच के रूप में इसे इस्तेमाल करना हो।

अत्याधुनिक तकनीक से लैस एआई स्मार्ट छड़ी

प्रगति वर्मा ने इस एआई पुलिस स्टिक की तकनीकी विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह छड़ी ड्यूल कैमरे से सुसज्जित है, जो पुलिसकर्मियों को नजदीकी पुलिस चौकी या थाने के अधिकारियों से कभी भी लाइव कनेक्ट करने में सक्षम बनाती है।

इसका सीधा फायदा यह होगा कि पुलिसकर्मी, खासकर सुनसान जगहों पर तैनात होने पर, कभी अकेला महसूस नहीं करेंगे और लाइव ऑडियो-वीडियो स्ट्रीमिंग के माध्यम से अपने मुख्यालय से सहायता ले सकेंगे। यह छड़ी पुलिसकर्मियों की हर गतिविधि को रिकॉर्ड करती है, जिससे किसी भी अप्रत्याशित हमले या घटना के सबूत जुटाए जा सकते हैं।

छात्र रोहन श्रीवास्तव ने बताया कि यह एआई स्मार्ट छड़ी असामाजिक तत्वों की पहचान और भीड़ को नियंत्रित करने में भी पुलिसकर्मियों की मदद करेगी। इसके अलावा, पुलिसकर्मी इस छड़ी का उपयोग लाल और हरी मिर्च की गोलियों को फायर करने के लिए कर सकते हैं, जो भीड़ को तितर-बितर करने में प्रभावी साबित होगा। इसका खास पैनिक बटन भी है, जिसे मुसीबत के समय दबाकर पुलिसकर्मी तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

बहुपयोगी डिजाइन: बंदूक, कुर्सी और ढाल

इस एआई पुलिस स्टिक का डिजाइन बहुपयोगी है। इसे न केवल एक बंदूक के रूप में, बल्कि जरूरत पड़ने पर इसे एक आरामदायक कुर्सी या ढाल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

उदाहरण के तौर पर, जब किसी घटना स्थल पर दंगाई भीड़ पत्थरबाजी करती है, तो इस छड़ी को मोड़कर उसके पिछले हिस्से से एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ढाल पुलिसकर्मियों को पत्थरों और अन्य खतरों से बचाने में मदद करेगी। साथ ही, इसका हल्का और मजबूत निर्माण इसे इस्तेमाल करने में आसान बनाता है।

यह छड़ी कार्बन फाइबर, स्टील, और एल्यूमिनियम जैसी मजबूत लेकिन हल्की सामग्रियों से बनाई गई है, जिससे पुलिसकर्मियों को इसे उठाने और इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नहीं होती। छड़ी में लगे ट्रिगर को ऑन करके पुलिसकर्मी जरूरत पड़ने पर मिर्ची बुलेट फायर कर सकते हैं। यह बुलेट भीड़ को नियंत्रित करने और असामाजिक तत्वों को खदेड़ने में कारगर साबित होती है।

तकनीकी उपकरणों का उपयोग और निर्माण प्रक्रिया

इस एआई स्मार्ट छड़ी को बनाने में छात्रों को दो महीने का समय लगा और लगभग 25,000 रुपये का खर्च आया। इसमें 9 वोल्ट बैटरी, स्विच, मेटल पाइप, सॉफ्टवेयर, अलार्म, ब्लूटूथ और सिमकार्ड जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। छड़ी की बैटरी से लेकर उसके सॉफ्टवेयर तक, हर हिस्सा इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पुलिसकर्मियों को आपात स्थितियों में सबसे ज्यादा मदद मिल सके।

संस्थान की भूमिका और छात्रों की उपलब्धि

संस्थान के निदेशक डॉ. एन के सिंह ने छात्रों की इस अनूठी उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि आईटीएम के इनोवेशन सेल में सभी विभागों के छात्र अपने-अपने नवाचारों पर शोध करते रहते हैं। इससे पहले भी कई छात्रों ने समाज और देशहित में कई नवाचार किए हैं, लेकिन इस बार का यह प्रयोग विशेष रूप से पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए है, जो कि एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस पर छात्रों द्वारा तैयार की गई यह एआई स्मार्ट छड़ी पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में एक नया अध्याय जोड़ेगी और यह नवाचार एक सफल प्रयोग साबित होगा।

संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्यामबिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया और संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल ने भी छात्रों की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी और प्रसन्नता व्यक्त की। छात्रों ने इस छड़ी को पुलिसकर्मियों के लिए एक अनमोल उपहार बताया और कहा कि उनका यह नवाचार भविष्य में पुलिस बल की सुरक्षा और आत्मरक्षा को और मजबूत करेगा।

इस एआई पुलिस स्टिक का आविष्कार न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से अद्वितीय है, बल्कि यह पुलिसकर्मियों के लिए सुरक्षा के एक नए आयाम की शुरुआत भी है। इस छड़ी का उपयोग विभिन्न परिस्थितियों में किया जा सकता है और यह पुलिस बल के लिए एक प्रभावी उपकरण साबित होगी। पुलिस स्मृति दिवस पर गोरखपुर के इन छात्रों द्वारा किया गया यह नवाचार, देशभर में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को एक नया मोड़ देगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को कम करने में मदद करेगा, जहां पुलिसकर्मी अपराधियों या दंगाइयों के हमलों का शिकार होते हैं।

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