अजमेर, 21 अगस्त
1992 में करीब 32 साल पहले हुए अजमेर में देश के सबसे बड़े गैंगरेप-ब्लैकमेल कांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, 6 दोषियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही सभी 6 दोषियों पर 30 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। ये मामला मेयो कॉलेज की 100 से ज्यादा छात्राओं से जुड़ा है, जिनके साथ ब्लैकमेलिंग हुई थी। 32 साल बाद इस मामले में फैसले के समय सभी दोषी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी व सैयद जमीर हुसैन कोर्ट में मौजूद थे।
ये है पूरा मामला
अजमेर के एक गैंग ने साल 1992 में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली करीब 250 लड़कियों की नग्न तस्वीरें हासिल कीं और फिर उन्हें लीक करने की धमकी देकर 100 से अधिक छात्राओं के साथ गैंगरेप किया था, बताते हैं कि गैंग के लोग स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को फार्महाउस पर बुलाते थे और उनके साथ गैंगरेप करते थे इसमें कई स्कूल तो अजमेर के जाने-माने प्राइवेट स्कूल थे।
न्यूड तस्वीरें खींचकर करते थे ब्लैकमेल
अजमेर ये गुर्गे कॉलेज की लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे, फार्महाउस और रेस्टोरेंट में पार्टियों के नाम पर लड़कियों को बुलाते थे और फिर उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ गैंगरेप करते थे और फिर उनकी न्यूड तस्वीरें खींचकर ये लोग लड़कियों को ब्लैकमेल करते थे साथ ही दूसरी लड़कियों को अपने साथ लाने का दबाव बनाते थे।
इस तरह सुर्खियों में आया मामला
एक दैनिक अखबार की रिपोर्ट के बाद यह मामला सामने आया था। दैनिक नवज्योति अखबार में बड़े लोगों की पुत्रियां ब्लैकमेल की शिकार नाम से एक खबर प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद भूचाल आ गया। खबर में बताया गया था कि स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को पहले अपनी जाल में फंसाया गया, फिर उनके न्यूड फोटो खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया गया। उसके बाद उनका गैंगरेप किया गया।
बेशर्मी की हद पार, कोर्ट में चेहरे पर मुस्कान
कॉलेज की सौ से ज्यादा लड़कियों के साथ दरिंदगी करने वाले ये दोषी जब कोर्ट पहुंचे तो बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी। दोषी करार दिए जाने से पहले वो एक दूसरे के साथ मुस्कुराते हुए नजर आए। हालांकि उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी गर्दन झुकी थी। कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद सभी दोषियों को अजमेर जेल भेज दिया गया।