वाराणसी, 31अगस्त
ज्ञानवापी मामले, जिसमें 1991 का मूल वाद और श्रृंगार गौरी के दर्शन को लेकर कई याचिकाएं शामिल हैं, पर सुनवाई जारी है। आज वाराणसी के जिला न्यायालय में श्रृंगार गौरी के मुख्य मामले से जुड़े अन्य मामलों की भी सुनवाई हुई। इसमें व्यास जी तहखाने की मरम्मत, नमाजियों को तहखाने की छत पर जाने से रोकने और परिसर के अन्य हिस्सों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिकाओं पर दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख निर्धारित की है।
जिला एवं सत्र न्यायालय में श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के मुख्य केस समेत ज्ञानवापी से जुड़े 7 अन्य मामलों पर भी सुनवाई हुई। नए जिला जज के आने के बाद अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी थी, जिसके लिए वकीलों ने पूरी तैयारी की है। इन मामलों में 5 महिला वादी ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की पूजा की मांग कर रही हैं। रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू की ओर से जिला जज की अदालत में आवेदन देकर वर्ष 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वर मूल वाद को स्थानांतरित कर श्रृंगार गौरी मूल वाद के साथ न्यायहित में एक साथ सुनवाई किए जाने का आग्रह किया गया है।
श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन के अलावा कमीशन कार्रवाई के दौरान वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के पूजा-पाठ और राग भोग के अधिकार संबंधी याचिका पर भी सुनवाई होगी। इसके अलावा, एएसआई सर्वे में तहखाना में दीवार होने की वजह से जांच आगे नहीं बढ़ सकी थी। इस कारण इस दीवार को तोड़कर अलग से जांच कराए जाने की याचिका दायर की गई थी, जिस पर भी आज सुनवाई हुई।
ज्ञानवापी तहखाना सर्वे और मरम्मत केस में सुनवाई आज हुई, जिसमें तहखाने की छत पर नमाजियों को रोकने की मांग और देवताओं की पूजा के लिए हिंदू पक्ष की ओर से जिरह की गई।