गोरखपुर, 14 सितंबर, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कहा कि ज्ञानवापी को आज लोग दूसरे शब्दों में मस्जिद कहते हैं लेकिन ज्ञानवापी साक्षात ‘विश्वनाथ’ ही हैं।
उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित नाथपंथ का सामाजिक समरसता का विशेष योगदान पर आधारित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आये हैं।उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी साक्षात भगवान विश्वनाथ हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नाथ परंपरा ने हमेशा सबको जोड़ने की कोशिश की है। गुरु गोरखनाथ ने अपने समय में राष्ट्रीय एकता की ओर ध्यान आकर्षित किया था।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि रामचरित मानस समाज को जोड़ता है, वह हमारे जीवन का हिस्सा है.
सीएम योगी ने आदि शंकर की कहानी का जिक्र किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब आदि शंकर के सामने चांडाल पूछता है कि आप तो अद्वैत ज्ञान से भरे हैं आप किसे हटाना चाहते हैं? आपका ज्ञान क्या इस भौतिक काया को देख रहा है? क्या इस काया के अंदर बसे ज्ञान को देख रहा है?अगर ब्रह्म सत्य है तो जो ब्रह्म आपके अंदर है वो ब्रह्म मेरे अंदर भी है। इस ब्रह्म सत्य को जानकर अगर आप इस ब्रह्म को ठुकरा रहे हैं इसका मतलब आपका ये ज्ञान सत्य नहीं है।
एक चांडाल के मुंह से ये बातें सुनकर आदि शंकर भौचक्के रह गए। तब उन्होंने कहा था कि जिस ज्ञानवापी की साधना के लिए आप यहां आएं हैं मैं उसका साक्षात स्वरूप विश्वनाथ हूं।
सीएम योगी ने इस अवसर पर हिंदी दिवस की बधाई दी। साथ ही कहा कि यह देश को जोड़ने की एक व्यवहारिक भाषा है जिसे देश की बड़ी आबादी जानती है। हिंदी का मूल देववाणी संस्कृत से है।हर भाषा का श्रोत संस्कृत से जुड़ता है। अगर हमारी भाषा और भाव स्वयं की नहीं है तो प्रगति प्रभावित होगी।