
मयंक चावला
आगरा, 26 जुलाई 2025:
यूपी की आगरा पुलिस धर्मांतरण गैंग के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान समेत दस सदस्यों से रिमांड के दौरान लगातार पूछताछ कर रही है। इस दौरान पुलिस को इनके कामकाज की चौंकाने वाली जानकारी मिली है। कमिश्नर दीपक कुमार ने आज मीडिया से रूबरू होकर ये जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गैंग के मेंबर ऑनलाइन गेम पर चैटिंग से दोस्ती कर बौद्धिक विमर्श के लिए ‘दावा’ में बुलाकर इस्लाम की खूबियां और दूसरे धर्म की नकारात्मकता बताकर धर्मांतरण के लिए जाल फेंकते थे।
कमिश्नर दीपक कुमार ने अवैध धर्मांतरण से जुड़ी प्रकिया के बारे में बताया कि अब तक जयपुर, गोआ, दिल्ली देहरादून निवासी 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें 10 लोगो से कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। धर्मांतरण गैंग के लोगों के संपर्क कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े हुए थे। कश्मीर की कुछ लड़कियों का ग्रुप इस साजिश में सक्रिय रूप से शामिल था। धर्मांतरण के लिए कश्मीर बुलाने, वहां रहने, खाने और अन्य खर्चों की व्यवस्था ये लड़कियां करती थीं। पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल अदीब, जो वहां के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, इस पूरे नेटवर्क के मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे हैं। इन्हीं के द्वारा वॉट्सएप और अन्य सोशल मीडिया ग्रुप बनाए गए थे, जहाँ धर्मांतरण से जुड़ी जानकारी साझा की जाती थी।
गैंग के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को कंप्यूटर की 10 भाषाओं का ज्ञान है और वह डार्क वेब से जुड़ी तकनीकी जानकारी भी रखता है। वह फिलिस्तीन को फंडिंग भी करता था। इस रैकेट में ऑनलाइन गेम्स और बौद्धिक विमर्श ‘दावा’ के जरिए युवाओं को फंसाया जाता था। खासतौर पर मानसिक रूप से परेशान या दुखी युवाओं को टारगेट किया जाता था। धर्मांतरण के बाद उन्हें रिवर्टी कहा जाता था और इस्लामिक जमात में शामिल कर धार्मिक शिक्षा दी जाती थी। 14 से 15 साल के किशोरों को निशाना बनाकर उन्हें एक ऑनलाइन नेटवर्क के माध्यम से धर्मांतरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाता था। इन लड़के-लड़कियों के संपर्क में आयशा और अब्दुल रहमान नाम के दो मुख्य आरोपी थे, जो पाकिस्तान के नागरिकों के नियमित संपर्क में रहते थे।