वाराणसी, 3 सितंबर
अंशुल मौर्या
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में तैयार हुआ प्राकृतिक चिकित्सा का नया पाठ्यक्रम
वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के इंडियन नॉलेज सिस्टम ने गुरुकुल की तर्ज पर चार पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। इसमें से तीन का संचालन विश्वविद्यालय में शुरू हो गया है। जल्द ही प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम को शुरू करने की योजना है। इसका भी खाका तैयार कराया जा रहा है। प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति को केंद्र में रखकर योग, गणित और वैशेषिक शास्त्र का पाठ्यक्रम संचालित हो रहा है।
विश्वविद्यालय परिसर में संचालित इंडियन नॉलेज सिस्टम ने शोध के साथ ही नए पाठ्यक्रमों के संचालन की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत वैशेषिक शास्त्र, योग शास्त्र, गणित शास्त्र के पाठ्यक्रम तैयार हैं और इनकी कक्षाएं भी संचालित हो रही हैं। आयुर्वेदिक शास्त्र के पाठ्यक्रम के स्थान पर प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम को तैयार किया जा रहा है। ज्योतिष विभाग में गणित का पाठ्यक्रम सिद्धांत गणित के नाम से, दर्शन विभाग में वैशेषिक शास्त्र और तंत्रागम में योग की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा को केंद्र में रखकर यह पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं।
आईकेएस के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर डॉ. ज्ञानेंद्र सांपकोटा ने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपराओं को केंद्र में रखकर तीन पाठ्यक्रमों का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है। इसके साथ ही आयुर्वेद के स्थान पर प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम को तैयार कराया जा रहा है और जल्द ही इसका संचालन भी कराया जाएगा। प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति को केंद्र में रखकर इन पाठ्यक्रमों का गुरुकुल की तर्ज पर संचालन हो रहा है। संस्कृत विश्वविद्यालय के आईकेएस के तहत पहली बार गुरुकुल आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।