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Reading: इजराइल बनाम ईरान: करंसी की जंग में कौन है सबसे ताकतवर?
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National

इजराइल बनाम ईरान: करंसी की जंग में कौन है सबसे ताकतवर?

mahi rajput
Last updated: June 20, 2025 11:34 am
mahi rajput 3 months ago
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नई दिल्ली | 20 जून 2025
इजराइल और ईरान के बीच चल रही जंग केवल सैन्य मोर्चे तक सीमित नहीं है, इसका असर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और करंसी पर भी साफ नजर आ रहा है। सवाल उठता है कि इन दोनों देशों में से किसकी करंसी ज्यादा ताकतवर है और इसके पीछे की वजहें क्या हैं? इजराइल की मुद्रा ‘न्यू शेकेल’ और ईरान की ‘ईरानी रियाल’ के बीच तुलना करने पर जवाब काफी साफ हो जाता है।

एक अमेरिकी डॉलर के बदले जहां इजराइल के नागरिक को लगभग 3.49 न्यू शेकेल देने होते हैं, वहीं ईरान के नागरिक को उसी एक डॉलर के लिए लगभग 42,125 ईरानी रियाल खर्च करने पड़ते हैं। यह आंकड़ा ही बताता है कि इजराइली करंसी ईरानी मुद्रा की तुलना में कहीं अधिक मजबूत है।

इजराइल की अर्थव्यवस्था को स्टार्टअप हब के रूप में जाना जाता है। तकनीकी नवाचार, साइबर सुरक्षा, मेडटेक, एग्रोटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में देश की मज़बूत पकड़ है। वैश्विक कंपनियों जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ऐपल के रिसर्च सेंटर भी यहां स्थित हैं। सरकार शिक्षा और रिसर्च पर GDP का बड़ा हिस्सा खर्च करती है, जिससे तकनीकी प्रगति और निवेश को बल मिलता है। स्थिर शासन, कम बेरोजगारी और बढ़ता निर्यात इजराइली मुद्रा को मजबूती प्रदान करता है।

इसके उलट, ईरान पर अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रतिबंधों के कारण अर्थव्यवस्था जूझ रही है। देश की आय का अधिकांश हिस्सा तेल निर्यात पर निर्भर था, जो प्रतिबंधों के चलते बुरी तरह प्रभावित हुआ। बैंकिंग प्रणाली कमजोर है, विदेशी निवेश नहीं के बराबर है, और भ्रष्टाचार, राजनीतिक अस्थिरता व ब्रेन ड्रेन जैसी समस्याएं अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही हैं। यही कारण है कि ईरानी रियाल की वैल्यू दिन-ब-दिन गिरती जा रही है।

स्पष्ट है कि इजराइल की करंसी न केवल मजबूत है, बल्कि इसकी वजहें भी गहरी आर्थिक रणनीति, तकनीकी विकास और स्थिर शासन व्यवस्था में छिपी हैं। वहीं, ईरान की कमजोर आर्थिक नींव और वैश्विक अलगाव उसकी मुद्रा को पीछे खींचे हुए हैं।

TAGGED:Israel vs Iran: Who is the most powerful in the currency war?
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