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जेएनयूएसयू: वामपंथियों को एबीवीपी की कड़ी टक्कर, संयुक्त सचिव पद पर किया कब्जा

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल 2025:

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र संघ चुनाव में वामपंथियों के बिखरे गठबंधन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की रणनीति भारी पड़ी। चुनाव में अध्यक्ष पद पर कड़ी टक्कर देकर एबीवीपी ने संयुक्त सचिव और 42 में 24 काउंसलर के पदों पर कब्जा कर लिया। वामपंथियों के किले में एबीवीपी द्वारा भगवा लहराने पर संगठन के कार्यकर्ता झूम उठे।

वामदलों को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व महासचिव पद पर मिली जीत, एबीवीपी के वैभव बने संयुक्त सचिव

जेएनयू छात्र संघ चुनाव में 7906 वोटरों में 55 सौ छात्रों ने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले चुनाव के मुकाबले वोट प्रतिशत कम रहा लेकिन इन हालातों में भी एबीवीपी उम्मीदवारों ने कमाल कर दिखाया। अध्यक्ष पद पर आईसा व डीसीएफ के संयुक्त दावेदार नीतीश कुमार ने जीत हासिल की। इसी तरह आईसा डीएसएफ के ही संयुक्त उम्मीदवार मनीषा ने उपाध्यक्ष और मुंतेहा फातिमा ने महासचिव का पद हथिया लिया। इन्हीं वामदलों के वर्चस्व में एबीवीपी ने सेंध लगाकर उनके मंसूबो पर पानी फेर दिया और संयुक्त सचिव पद पर वैभव मीणा ने भगवा फहरा दिया।

महत्वपूर्ण पदों पर भी एबीवीपी के प्रत्याशी रेस में रहे

महत्वपूर्ण अध्यक्ष उपाध्यक्ष व महासचिव पद पर भी एबीवीपी ने जीते प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी और दूसरे स्थान पर पहुंच गए। अध्यक्ष पद पर एबीवीपी की शिखा स्वराज ने नीतीश को कड़ी टक्कर दी। इसी तरह उपाध्यक्ष पद पर एबीबीपी की नीतू गौतम और महासचिव पद पर कुणाल राय भी दूसरे स्थान पर रहे। फिलहाल वामदलों का सभी पदों पर कब्जा करने का ख्वाब पूरा न हो सका। इसके पीछे उनका गठबंधनकमजोर पड़ने की वजह बताई गई।

जेएनयू में शोध छात्र हैं राजस्थान के वैभव मीणा

वैभव मीणा करौली, राजस्थान के निवासी हैं और एक जनजातीय किसान परिवार से आते हैं। भाषा, साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के भारतीय भाषा केंद्र में हिन्दी साहित्य विषय के शोध छात्र वैभव वर्तमान में वे जेएनयू के कावेरी छात्रावास के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि यह विजय एक ऐसे जेएनयू के निर्माण की ओर पहला कदम है, जहाँ हर विद्यार्थी को समान अवसर, सम्मान और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने का वातावरण प्राप्त हो।

एबीबीपी ने 42 में 24 काउंसलर पदों पर किया कब्जा, तमाम स्कूलों में सारी सीटें हथियाईं

एबीवीपी ने जेएनयू छात्र संघ चुनाव में संयुक्त सचिव पद के साथ ही 16 स्कूलों और विभिन्न संयुक्त केंद्रों के 42 काउंसलर पदों में से 24 सीटों पर भी विजय हासिल की। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज,
स्कूल ऑफ सोशल साइंस में दो-दो सीटों पर, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन में एक-एक इसी तरह स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंस में एक
स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंस में दो, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंगके सभी चार 4 सीटों पर कब्जा कर लिया। स्पेशल सेंटर फॉर नैनोसाइंस में एक, स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज में सभी तीन, अमलगमेटेड सेंटर में सभी दो सीटों पर व स्कूल ऑफ एनवायरनमेंटल साइंस एक सीट, अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप में एक, स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस में दो और सर्टिफिकेट ऑफ प्रोफिशिएंसी में एक सीट पर कब्जा किया।

एकपक्षीय विचारधारा के प्रति लोकतांत्रिक क्रांति

एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष राजेश्वर कांत दुबे ने कहा, “जेएनयू में यह विजय न केवल अभाविप के अथक परिश्रम और राष्ट्रवादी सोच पर विद्यार्थियों के विश्वास का प्रमाण है, बल्कि यह उन सभी छात्रों की जीत है जो शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार मानते हैं। जेएनयू में वर्षों से स्थापित एकपक्षीय विचारधारा के विरुद्ध यह लोकतांत्रिक क्रांति है। विद्यार्थी परिषद भविष्य में भी छात्रों के हितों और राष्ट्र पुनर्निर्माण के अपने संकल्प के साथ कार्य करती रहेगी।

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