वाराणसी 17 अगस्त
वाराणसी। भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ जब साल 2017 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, तब अपनी कट्टर हिंदुत्ववादी छवि को लेकर काफी सतर्क थे। हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में बदले सियासी हालात के बाद वह अपने पुराने रूप में फिर से लौटते दिखाई देने लगे हैं। यह बदलाव उनके हालिया बयानों और फैसलों में साफतौर पर देखा जा सकता है। योगी आदित्यनाथ की अपनी पुरानी छवि में वापसी का यह सिलसिला उनके काशी प्रवास के दौरान भी दिखाई दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव और श्री काशी विश्वनाथ दरबार में न सिर्फ विधिवत हाजिरी लगाई। बल्कि बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचने पर जलाभिषेक करने आए भक्तों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद अभिवादन किया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी को देखकर शिवभक्तों ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाया।
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा काल भैरव की पूजा अर्चना के बाद मंदिर से निकलते समय बच्चों से भी बातचीत की और उन्हें प्रसाद स्वरूप चॉकलेट दिया। कालभैरव दरबार में सावनी हरियाली श्रृंगार का दर्शन कर मुख्यमंत्री ने आरती भी उतारी। इसके बाद उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन किया। बाबा के स्वर्णमंडित दरबार के गर्भगृह में मुख्यमंत्री ने विधि विधान से पावन ज्योर्तिलिंग का अभिषेक किया। सावन मास में दूसरी बार काशीपुराधिपति के दरबार में षोडशोपचार विधि से पूजन कर मुख्यमंत्री ने लोक कल्याण की कामना की। इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने श्रावण मास के पहले सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आदि योगी के दर्शन किए थे। बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबा विश्वनाथ के दरबार में अब तक 125 बार दर्शन पूजन कर चुके है। शनिवार को दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंदिर प्रशासन, जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रावण मास के शेष दिनों में भी भक्तों की हर सुविधा का ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने नागरिकों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं भी दीं।