अमित मिश्र
18 फरवरी 2025:
आये दिनों सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि सरकार महाकुम्भ की तिथि को आगे बढ़ा सकती है, ताकि जो लोग अभी तक स्नान नही कर पाए हैं वो कर सकें। इस पर टिपण्णी करते हुए स्वामी आनंद स्वरूप महाराज, जो शाम्भवी पीठ के पीठाधीश्वर हैं, ने कहा, 12 फरवरी, 2025 को माघी पूर्णिमा स्नान के साथ कुंभ पर्व का समापन हो गया है। “अब जो कुछ भी है, वह केवल मेला है।“
कुंभ मेला एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित होता है। यह पर्व विशेष रूप से उन तिथियों पर मनाया जाता है जब ग्रहों की स्थिति विशेष होती है, जैसे कि गुरु का कुम्भ राशि में होना और सूर्य तथा चंद्रमा का मकर राशि में होना। इस बार का कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित हुआ, जिसमें लाखों भक्तों ने पवित्र स्नान किया।
माघी पूर्णिमा पर स्नान का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे पवित्रता और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से भक्तों को अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने इस अवसर पर भक्तों को बताया कि कुंभ पर्व का मुख्य उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और दिव्य अनुभव प्राप्त करना है।
कुंभ मेले के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, साधु-संतों की उपस्थिति, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जो भक्तों को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। स्वामी जी ने कहा, “कुम्भ समाप्त हो चूका है और इसकी तिथि को कोई व्यक्ति या सरकार आगे नहीं बढ़ा सकती है, सरकार को इन चीजों से बचना चाहिए इससे उनकी छवि धूमिल हो सकती है।“