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Reading: ज्ञान से ही मिलती है मुक्ति: भगवान बुद्ध ने बताया सहज जीवन का वैज्ञानिक मार्ग
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ज्ञान से ही मिलती है मुक्ति: भगवान बुद्ध ने बताया सहज जीवन का वैज्ञानिक मार्ग

mahi rajput
Last updated: May 12, 2025 12:04 pm
mahi rajput 4 months ago
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वाराणसी, 12 मई 2025
भगवान बुद्ध का दर्शन भारतीय चिंतन परंपरा में सबसे तार्किक और व्यावहारिक माना गया है। उनका मानना था कि अज्ञानता सबसे बड़ा पाप है, और किसी भी विषय को समझे बिना उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। बुद्ध ने यह स्पष्ट किया कि ईश्वर एक अबूझ तत्व है, इसलिए उन्होंने उस पर कोई टिप्पणी नहीं की। वे मानते थे कि समाज में फैली कुरीतियों को खत्म कर मानवता की सेवा करना ही धर्म का सही रूप है।

बुद्ध का जीवन दर्शन ‘चार आर्य सत्यों’ और ‘आष्टांगिक मार्ग’ पर आधारित था। उन्होंने कहा कि जीवन में दुख अनिवार्य है, लेकिन उसका कारण, उसका निवारण और उससे मुक्ति का मार्ग भी है। उन्होंने सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक प्रयास, सम्यक स्मृति और सम्यक समाधि जैसे आठ अंगों का पालन कर जीवन को संतुलित बनाने की बात कही।

बुद्ध ने वैदिक कर्मकांडों और ईश्वर की कठोर व्याख्याओं से परे जाकर एक मध्यम मार्ग की बात की जिसे “मज्ज्हिम निकाय” कहा गया। यह मार्ग न तो भोगवादी था और न ही कठोर तप का समर्थक। यह जीवन को संतुलित दृष्टिकोण से जीने की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि जैसे कांटों से भरे रास्ते पर जूता पहनकर चलना व्यावहारिक है, वैसे ही जीवन के कष्टों को तर्क और विवेक से दूर किया जा सकता है।

सारनाथ में दिए गए अपने पहले उपदेश से लेकर द्वादश कारण परंपरा की व्याख्या तक, बुद्ध का उद्देश्य था लोगों को आत्मनिर्भर बनाना—न कि किसी बाहरी सत्ता पर निर्भर रहने की प्रेरणा देना। उन्होंने आत्मज्ञान, तृष्णा से मुक्ति और संयमित जीवन को ही सच्ची साधना बताया।

गौतम बुद्ध का दर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना ढाई हजार साल पहले था। उनका सम्यक मार्ग समाज को वैज्ञानिक सोच, करुणा और सहिष्णुता की ओर ले जाता है।

TAGGED:**Liberation is achieved only through knowledge: Lord Buddha told the scientific path of easy life**
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