सीमेंट नहीं बल्कि गुड़, दाल, मेथी जैसी ईको फ्रेंडली सामग्री से हो रहा है सरंक्षण
प्रयागराज, 30 दिसंबर 2024
संगम तट पर महाकुम्भ के अवसर पर प्रयागराज की ऐतिहासिकता और परंपराओं को दर्शाने वाले भवनों का सरंक्षण भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रयागराज नगर निगम की 150 साल पुरानी धरोहर का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है।
नगर निगम परिसर स्थित भवन ब्रिटिशकाल में सन् 1865 के करीब संगम नगरी में बने सबसे पुराने ‘ग्रेट नॉर्दर्न’ होटल और बाद में नगर निगम कार्यालय में तब्दील इस 150 वर्ष से अधिक पुराने भवन का 9 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। कायाकल्प के बाद प्रयागराज वासियों समेत महाकुम्भ में आने वाले पर्यटक भी यह ऐतिहासिक भवन देख सकेंगे।
नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग का कहना हैं कि यह भवन प्रयागराज की धरोहर है, इसे संरक्षित रखने की पहल नगर निगम ने की है। महाकुम्भ से पहले इस भवन के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो जाएगा। अपने नए रंग रूप में यह भवन पर्यटकों को आकर्षित करेगा। इस ऐतिहासिक इमारत में आजादी के पूर्व देश की आजादी में हिस्सा लेने वाले बुद्धजीवी समाज की बैठकें होती थीं। 1930 के दशक में ब्रिटिश सरकार ने इस भवन को प्रशासनिक भवन में तब्दील कर दिया था।
प्रयागराज नगर निगम के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सलाहकार सूरज वीएस ने बताया कि 2020-21 में एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम की इस बिल्डिंग को धरोहर बताते हुए इसका संरक्षण करने की सलाह दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि 150 वर्ष पहले इस भवन का निर्माण जिन ईको फ्रेंडली चीजों से करवाया गया था, इसलिए अब इसका कायाकल्प भी इन्हीं चीजों से करवाया जा रहा है।
मुंबई की सवानी हेरिटेज जीर्णोद्धार का काम कर रही है जो दिसंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद इस भवन में ‘फसॉड लाइटिंग’ भी लगवाई जाएंगी। महाकुम्भ में आने वाले पर्यटक इस ऐतिहासिक भवन को एक नए कलेवर में देखेंगे ।
सवानी हेरिटेज के जितेश पटेल ने बताया कि नगर निगम के इस पुराने भवन का जीर्णोद्धार, पुराने जमाने में निर्माण कार्य में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से किया जा रहा है। निर्माण सामग्री के लिए लाइम मध्य प्रदेश कटनी से और बाकी चीजें अलग-अलग राज्यों और लोकल मार्केट से मंगवाई जा रही हैं। सीमेंट बालू की जगह चूना, सुरखी, बालू, बेल गिरि, गुड़, उड़द की दाल, गुगुल और मेथी के मिश्रण से निर्माण सामग्री तैयार की जा रही है। इस बिल्डिंग के विषय में रोचक बात यह भी है कि एक समय में इसी बिल्डिंग में प्रयागराज म्यूजियम हुआ करता था। म्यूजियम से जुड़े साक्ष्य अब भी इस बिल्डिंग में मौजूद हैं।