महाकुंभ : किशोरी का संन्यास वापस, संन्यासी बनाने वाले महंत को सजा, अखाड़े से बाहर

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महाकुंभ नगर, 11 जनवरी 2025:

महाकुंभ में राखी सिंह धाकरे से गौरी गिरी महारानी बनी आगरा की 14 वर्षीय किशोरी का संन्यास 6 दिन में ही वापस ले लिया गया है। किशोरी को दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरी को सजा भी दी गई है।

आगरा के पेठा कारोबारी की बेटी है किशोरी

मालूम हो कि आगरा के एक पेठा कारोबारी की 14 वर्षीय बेटी ने पिछले दिनों महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में संन्यास ले लिया था। यह मामला सुर्खियों में आया तो किशोरी को संन्यास दिलाने को लेकर सवाल उठने लगे। छह दिन में ही इस मामले में कठोर कदम उठाया गया है। किशोरी के संन्यास को वापस लेने के साथ उसे संन्यासी बनाने वाले महंत पर एक्शन लिया गया है। दीक्षा दिलाने वाले महंत कौशल गिरि को 7 साल के लिए जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया।

नाबालिग को संन्यासी बनाने की नहीं रही परंपरा

उन पर आरोप लगा है कि नाबालिग को गलत तरीके से संन्यासी बनाया था। ये आरोप श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि महाराज ने लगाया। उन्होंने कहा कि यह अखाड़े की परंपरा नहीं रही है कि किसी नाबालिग को संन्यासी बना दिया जाए।

अखाड़े की सभा ने की कार्रवाई

बता दें कि आगरा की रहने वाली किशोरी 5 दिसंबर को वह अपने परिवार के साथ महाकुंभ आई थी। वह नागाओं को देखकर प्रभावित हुई और संन्यासी बनाने का फैसला किया था। 19 जनवरी को नाबालिग का पिंडदान होना था। महामंडलेश्वर महंत कौशल गिरि ने राखी के पिंडदान कराने की भी तैयारी कर ली थी, लेकिन इससे पहले अखाड़े की सभा ने यह कार्रवाई कर दी।

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