झाँसी/लखनऊ, 29 अगस्त 2024
हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस के अवसर पर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में खेल के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया है, जिससे मेजर ध्यानचंद की विरासत को सहेजने और उसे नई ऊँचाइयों पर ले जाने का प्रयास किया गया है।
ध्यानचंद का हॉकी सफर और झांसी स्मार्ट सिटी का योगदान
मेजर ध्यानचंद ने अपने हॉकी करियर की शुरुआत ब्रिटिश भारतीय सेना की रेजिमेंटल टीम के साथ की थी, जहाँ उन्होंने चांदनी रातों में अभ्यास किया और अपने खेल कौशल के बल पर 1928 के ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के लिए चुने गए। उनकी खेल यात्रा को सम्मानित करने के लिए, झांसी स्मार्ट सिटी ने रानी लक्ष्मीबाई पार्क में ध्यानचंद म्यूजियम का निर्माण किया है। इस म्यूजियम में ‘दद्दा’ के जीवन की अनूठी कहानियों को प्रदर्शित किया गया है। पिछले वर्ष, सीएम योगी ने स्वयं इस म्यूजियम का लोकार्पण किया था।
हीरोज ग्राउंड: ध्यानचंद की विरासत का प्रतीक
मेजर ध्यानचंद के आवास के निकट स्थित हीरोज ग्राउंड उनके खेल जीवन के शुरुआती दिनों से जुड़ा रहा है। इस मैदान पर उन्होंने न केवल खुद अभ्यास किया बल्कि कई खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षण दिया। झांसी विकास प्राधिकरण ने इस ग्राउंड को विकसित करते हुए बाउंड्री वाल, लाइटिंग, ट्रैक निर्माण और घास लगवाने का कार्य किया। ग्राउंड के एक हिस्से में मेजर ध्यानचंद की समाधि स्थित है, और यहां उनकी स्मृति में संग्रहालय का निर्माण भी किया गया है। इस ग्राउंड की दीवारों पर ध्यानचंद से जुड़ी पेंटिंग्स बनाई गई हैं, जो हर आगंतुक का ध्यान आकर्षित करती हैं।
मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय: एक अनूठी पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर मेरठ में एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया है। यह विश्वविद्यालय खिलाड़ियों को सभी प्रकार के खेलों की आधुनिक सुविधाएं और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इस विश्वविद्यालय में 540 पुरुष और 540 महिला खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही, खेलों से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी यहां कराई जाएगी, जिससे छात्र खेल के क्षेत्र में अपने करियर को नई दिशा दे सकेंगे।
योगी सरकार इस विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द तैयार कर इसका संचालन शुरू करने की तैयारी में है। इस पहल के माध्यम से, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल मेजर ध्यानचंद की स्मृति को सहेजा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को खेलों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।