बागपत, 24 सितंबर 2024:
अनमोल,
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के थाना सिंघावली अहीर क्षेत्र के डोला गांव में एक चौंकाने वाली और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। बंदरों के एक झुंड ने एक 6 साल की नाबालिग बच्ची को एक युवक के चंगुल से बचा लिया, जो उसे सुनसान इलाके में ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास कर रहा था। इस घटना ने जहां पूरे गांव को झकझोर दिया, वहीं बंदरों की इस असाधारण बहादुरी की हर जगह प्रशंसा हो रही है। पुलिस अब आरोपी युवक की तलाश में जुटी है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
इस दिल दहला देने वाली घटना की शुरुआत तब हुई जब आरोपी युवक ने 6 साल की एक मासूम बच्ची को बहला फ़ुसलाकर सुनसान स्थान पर ले जाने की योजना बनाई। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने लड़की को पहले मस्जिद के पास की गली में ले जाकर उसे वहां कुछ देर के लिए छोड़ दिया और खुद मस्जिद के अंदर चला गया। कुछ देर बाद वह वापस बाहर आया और लड़की को एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसने उसके साथ दुर्व्यवहार करने का प्रयास किया। सीसीटीवी फुटेज यह सारी घटना रिकॉर्ड हो गयी।
जब युवक बच्ची के साथ गलत हरकत करने की कोशिश कर रहा था तभी बंदरों का एक झुंड अचानक वहां आ धमका और बिना देर किए युवक पर हमला कर दिया। बंदरों के आक्रामक हमले से युवक घबरा गया और मौके से भागने पर मजबूर हो गया। इससे पहले कि वह अपने इरादों को अंजाम दे पाता, वह भाग खड़ा हुआ और इस तरह लड़की की जान बच सकी। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसने पुलिस की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
लड़की के माता-पिता ने बंदरों की इस अप्रत्याशित बहादुरी के लिए उनका आभार जताया है। बच्ची के पिता ने कहा, “अगर बंदरों ने मेरी बेटी को बचाने के लिए समय पर हस्तक्षेप न किया होता, तो हमारी बेटी के साथ कुछ भी दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता था। हमारे लिए तो वो “बजरंगी” हैं , क्योंकि उन्होंने हमारी बेटी की जान बचाई।” इस घटना ने पूरे गांव में एक चर्चा का माहौल बना दिया है, जहां लोग बंदरों को देवदूत के रूप में देख रहे हैं।
इस असाधारण घटना के बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है और मामला दर्ज कर लिया है। सीसीटीवी फुटेज को देखते हुए पुलिस ने आरोपी की पहचान करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। हालांकि अब तक आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस का दावा है कि वे जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार करने में सफल होंगे।
पुलिस की ओर से इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पुलिस हर संभव दिशा में जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है और संदिग्धों की धर-पकड़ के प्रयास भी जारी हैं। पुलिस ने यह भी कहा है कि वह जल्द ही सार्वजनिक बयान जारी करेगी और गांववासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
गांव में व्याप्त भय और सुरक्षा के सवाल
इस घटना के बाद डोला गांव और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों ने इस घटना के बाद से अपने बच्चों को अकेले बाहर भेजने में डर महसूस करना शुरू कर दिया है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पहले कभी नहीं हुई थीं, और यह घटना उनके लिए चेतावनी के समान है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जाए।
सरकार और प्रशासन से मदद की अपील
लड़की के परिवार और ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और गांव में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए। उन्होंने इस घटना के लिए आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
बंदरों ने न केवल एक मासूम बच्ची की जान बचाई, बल्कि एक बड़ी अनहोनी को भी टाल दिया। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में न्याय मिल सकेगा। इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि कभी-कभी प्रकृति के जीव भी मानवता के रक्षक बनकर सामने आते हैं।