अंशुल मौर्य
वाराणसी, 13 सितंबर 2025 :
यूपी की काशी में आगमन के दौरान मॉरीशस प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए सड़क डिवाइडरों पर बनाये गए मंदिर और शिवालय के चित्रों को सपाइयों ने पेंट कर मिटा दिया। चित्रों को मिटाने वाले सपाइयों ने भाजपा पर निशाना साधकर कहा कि बनाये गए चित्र पशुओं के मल-मूत्र और पान की पीक से अपमानित हो रहे थे। हमने ये निर्णय आस्था की रक्षा के लिए लिया।
बता दें कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम वाराणसी प्रवास के बाद शुक्रवार को काशी से रवाना हो गए। इस दौरान उनके स्वागत के लिए शहर की सड़कों को दुल्हन की तरह सजाया गया था। सड़क के डिवाइडरों पर मंदिर व शिवालयों के चित्र बनाये गए थे। इन्हीं चित्रों को सपाइयों ने पेंट लगाकर मिटा दिया है। इस बारे में समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश महासचिव और शहर दक्षिणी विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी किशन दीक्षित ने बताया कि उन्होंने यह कदम आस्था की रक्षा के लिए उठाया। उनका कहना है, “डिवाइडरों पर बने मंदिर और शिवालय के चित्र धूल-मिट्टी, वाहनों के धुएं, पशुओं के मल-मूत्र और पान की पीक से अपमानित हो रहे थे। यह सनातन धर्म की गरिमा पर चोट थी। इन चित्रों को मिटाना जरूरी था ताकि आस्था का अपमान न हो।”
किशन दीक्षित ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म किसी पार्टी की जागीर नहीं, यह अनादि काल से चली आ रही आस्था है। जो पार्टी खुद को ‘धर्मरक्षक’ कहती है, उसी के शासन में काशी की आस्था को सड़कों पर अपमान के लिए छोड़ दिया गया। क्या भाजपा नेताओं को यह दिखाई नहीं देता, या उनकी आंखें सिर्फ ‘चुनावी चश्मे’ से देखती हैं?”। इस दौरान राहुल गुप्ता, अशोक यादव ‘नायक’, राहुल यादव, पंकज जायसवाल, रोहित यादव, शुभम सिंह आदि भी साथ रहे।