नई दिल्ली, 17 मार्च 2025
लेक्स फ्रिडमैन ने पीएम मोदी के साथ बातचीत से पहले 45 घंटे का उपवास रखा और बताया कि उन्होंने सिर्फ पानी पीया, कोई ठोस आहार नहीं लिया। उन्होंने कहा कि यह उपवास उन्होंने सही मानसिक स्थिति में आने, आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त करने और इस बातचीत के सम्मान में रखा। जब उन्होंने पीएम मोदी को इस बारे में बताया, तो मोदी जी हंस पड़े और फ्रिडमैन की इस भावना के लिए आभार जताया। पीएम मोदी ने कहा कि उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उपवास रखना सराहनीय है और वह इसके लिए फ्रिडमैन के आभारी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने उपवास के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह एक प्राचीन परंपरा है जिसने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि उपवास के दौरान उनकी इंद्रियां अधिक तीव्र हो जाती हैं, जिससे उनकी अवलोकन और सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है। उन्होंने भारतीय परंपराओं में उपवास के महत्व को समझाते हुए कहा कि यह केवल पूजा-पद्धति का हिस्सा नहीं, बल्कि अनुशासन और आत्मसंयम का साधन है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय शास्त्रों में उपवास को शरीर, मन, आत्मा और बुद्धि को शुद्ध करने का तरीका माना गया है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुत्व केवल पूजा पद्धति तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में उपवास का उद्देश्य केवल त्याग नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक अनुशासन विकसित करना भी है, जिससे व्यक्ति अपने आंतरिक विकास की ओर बढ़ सके।