महाकुंभनगर, 30 दिसम्बर 2024:
सनातन संस्कृति और आस्था की प्राचीनतम नगरियों में से एक, तीर्थराज प्रयागराज, अपनी पौराणिक महत्ता और धार्मिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां के ऐतिहासिक मोहल्ले लोकनाथ का नाम बाबा लोकनाथ महादेव के नाम पर पड़ा है, जिन्हें काशी के बाबा विश्वनाथ का प्रतिरूप माना जाता है।
बाबा लोकनाथ का मंदिर प्रयागराज के मुख्य बाजार चौक के पास स्थित है। लोकनाथ महादेव के बारे में पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है। स्कंद पुराण के रेवा खण्ड और महाभारत के शांतिपर्व में भी बाबा लोकनाथ का वर्णन आया है। यहां के पुजारी गौरी शंकर पांडेय के अनुसार, बाबा लोकनाथ स्वयंभू शिवलिंग हैं। मान्यता है कि उनके दर्शन और पूजन से सभी सांसारिक कष्ट दूर हो जाते हैं। महाकुंभ के दौरान भगवान शिव के भक्त बड़ी संख्या में यहां अपने आराध्य के दर्शन के लिए आएंगे।
लोकनाथ मोहल्ला: आस्था और स्वाद का संगम
लोकनाथ मोहल्ला अपनी धार्मिक महत्ता के साथ ही खाऊ गली की रबड़ी, मलाई, लस्सी, हरी के समोसों और भारती भवन लाइब्रेरी के लिए भी जाना जाता है। यह मोहल्ला प्रयागराज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का जीवंत प्रतीक है। बाबा लोकनाथ का मंदिर, जो भारती भवन लाइब्रेरी के पीछे स्थित है, यहां की आस्था का केंद्र है।
नाथ संप्रदाय और बाबा लोकनाथ का जुड़ाव
पुजारी गौरी शंकर जी ने बताया कि नाथ संप्रदाय के मछंदरनाथ (मत्स्येंद्रनाथ) ने प्राचीन काल में इस मंदिर में चतुर्मास पूरा किया था। इस मंदिर में बाबा लोकनाथ के साथ नंदी महाराज, गणेश भगवान, माता पार्वती और शेषनाग की प्राचीन प्रतिमाएं भी हैं। मंदिर के आसपास स्थानीय श्रद्धालुओं ने दुर्गा माता, हनुमान जी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की हैं।
प्रसिद्ध हस्तियों की श्रद्धा का केंद्र
बाबा लोकनाथ के प्रति श्रद्धा सिर्फ आम जन तक सीमित नहीं है। मदन मोहन मालवीय, छुन्नन गुरु और पं. श्रीधर पाठक जैसे महान व्यक्तित्व नियमित रूप से मंदिर आते थे। प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी और वी.पी. सिंह ने भी बाबा लोकनाथ के दर्शन किए थे।
शिव बारात और होली का विशेष आकर्षण
शिवरात्रि के दिन बाबा लोकनाथ की शिव बारात प्रयागराज की ऐतिहासिक परंपरा है। यह बारात धार्मिक उल्लास का प्रतीक है और इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। इसके अलावा, लोकनाथ चौराहे पर छुन्नन गुरु के समय से प्रारंभ हुई होली, प्रयागराज की अनूठी परंपरा है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
महाकुंभ 2025 में बाबा लोकनाथ का मंदिर, श्रद्धालुओं के लिए विशेष आस्था और आकर्षण का केंद्र रहेगा। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि प्रयागराज की प्राचीन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक भी है।