प्रयागराज , 23 अक्टूबर 2024:
महाकुंभ मेला 2025 की तैयारियों के तहत मंगलवार को एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम ने महाकुंभ पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों और नाविकों को जल आपदा बचाव एवं प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया।
एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन, वाराणसी की टीम ने उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें कुंभ मेले में आने वाले स्नानार्थियों को जल आपदा से सुरक्षित रखने के विभिन्न उपायों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
प्रशिक्षण सत्र के दौरान बताया गया कि कुंभ जैसे विशाल आयोजनों में, जहां लाखों श्रद्धालु एक साथ स्नान करते हैं, जल आपदा का जोखिम बढ़ जाता है।
इसलिए यह जरूरी है कि गहरे पानी में स्नान करने वाले लोगों को विनम्रतापूर्वक रोका जाए और उन्हें संभावित खतरों से अवगत कराया जाए।
इस दौरान एनडीआरएफ के विशेषज्ञों ने सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने की प्रक्रिया, आपातकालीन स्थिति में इंप्रोवाइज्ड राफ्ट बनाने, स्ट्रेचर बनाने, प्राथमिक उपचार देने और अस्पताल ले जाने से पहले के जरूरी कदमों के तकनीकी पहलुओं पर भी विस्तृत जानकारी दी।
महत्वपूर्ण प्रशिक्षण और तकनीकी जानकारी
एनडीआरएफ ने इस दौरान बताया कि आपात स्थिति में सीपीआर देने का सही तरीका क्या है और कैसे एक साधारण राफ्ट को इमरजेंसी रेस्क्यू के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके अलावा, स्ट्रेचर बनाना और प्राथमिक चिकित्सा देने जैसे महत्वपूर्ण कौशल भी सिखाए गए, ताकि जल आपदा के दौरान त्वरित और प्रभावी बचाव कार्य किया जा सके।
सर्टिफिकेट वितरण
इसके अलावा, वीआईपी घाट पर आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में प्रतिभागियों को जल आपदा प्रबंधन के सफलतापूर्वक प्रशिक्षण के लिए सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए।
इस कार्यक्रम में जल पुलिस प्रभारी जनार्दन और अन्य कई पुलिसकर्मी शामिल हुए, जिन्होंने इस प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण और समयानुकूल बताया।
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में एनडीआरएफ द्वारा दिए गए ये प्रशिक्षण न केवल सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी बचाव संभव हो सके।