अंशुल मौर्य
वाराणसी,1 मई 2025:
वाराणसी के शंकुलधारा पोखरे पर बुधवार को आयोजित अक्षय कन्यादान महोत्सव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने सोनभद्र की वनवासी कन्या रजवंती के पिता बनकर विधिवत कन्यादान किया। पीले गमछे और पारंपरिक वस्त्रों में सज्जित भागवत ने कन्या पूजन, पांव पखारने और बारात स्वागत की रस्में निभाईं। रजवंती का विवाह रेणुकूट निवासी आदिवासी युवक अमन से हुआ।
कन्यादान के बाद उन्होंने दूल्हे से कहा, “मेरी बेटी का ख्याल रखना,” और शगुन में 501 रुपये भेंट किए। यह भावनात्मक क्षण सामाजिक एकता और संस्कृति का प्रतीक बन गया। महोत्सव में 125 वेदियों पर सामूहिक विवाह संपन्न हुए, जहां विभिन्न वर्गों के लोगों ने कन्यादान किया।
द्वारकाधीश मंदिर से बारात घोड़ों, गाड़ियों और बग्घियों संग निकली, जिसका जगह-जगह स्वागत हुआ। विवाह स्थल पर महिलाओं ने परछन की रस्म निभाई और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह पूजन हुआ। नवविवाहित जोड़ों को साइकिल, सिलाई मशीन, वस्त्र व नकद भेंट किए गए।
यह आयोजन न सिर्फ एक विवाह महोत्सव था, बल्कि सामाजिक समरसता, परंपरा और भावनात्मक जुड़ाव का अनूठा उदाहरण बन गया।