
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 21 अप्रैल 2025:
गोरखपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (गीडा) के छात्रों ने एक ऐसा चश्मा बनाया है जो सैनिकों को दूर से हथियारों को संचालित करने के साथ दुश्मनों सें सचेत करने में भी मदद करेगा। इसे ‘सेटेलाइट डिफेंस ग्लास’ नाम दिया गया है।
गीडा के बीटेक के छात्रों ने वर्ल्ड क्रिएटिविटी और इनोवेशन डे पर किया अविष्कार
वर्ल्ड क्रिएटिविटी और इनोवेशन डे पर गीडा की बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रथम व तृतीय वर्ष के छात्रों ने मिलकर कॉलेज के इनोवेशन सेल में इस खास सेटेलाइट डिफेंस ग्लास को तैयार किया है। छात्रा नंदनी जायसवाल ने बताया कि इसकी मदद सें हमारे जवान वायस कमांड या चश्मे में लगे एक वायरलेस कम्युनिकेशन सिस्टम की मदद सें अपने बंदूकों को संचालित कर दूर सें दुश्मन पर फायरिंग कर सकेंगे।
बंदूक से दूर रहकर भी कर सकेंगे फायरिंग, दुश्मन की घुसपैठ की खबर भी देगा
छात्रा प्राची सर्राफ व छात्र कुंदन चौहान ने बताया इस चश्मे में दो तरह के ट्रिगर लगे हैं पहला इस ट्रिगर सिस्टम को किसी भी बंदूकों के ट्रिगर सें जोड़ कर चश्मे के माध्यम सें दो किलोमीटर दूर सें भी संचालित किया जा सकता हैं। इसी प्रकार चश्मे का दूसरा ट्रिगर हैं वायरलेस रेडियो मोशन एन्ड ऑब्जेक्ट डिटेक्टर सेंसर्स डिवाइस। इस सेंसर्स को जवान आगे बढ़ते वक्त अपने पीछे के एरिया में आस-पास लगा सकतें हैं जहां सें उन्हें दुश्मन के पीछे सें आने का खतरा हैं और इसकी सूचना उनको इसके माध्यम से मिल जायेगी।
20 दिन लगे, 70 हजार की लागत आई
छात्रा अनन्या सिन्हा, ने बताया ये चश्मा रेडियो फ्रीक्वेंसी सेटेलाइट और इंटरनेट के माध्यम सें भीं काम कर सकता हैं इसलिए इसके ऑपरेटिंग रेंज को और बढ़ाया भीं जा सकता हैं। अंशित श्रीवास्तव ने बताया इसे बनाने में 20 दिन का समय लगा और लगभग सत्तर हजार रूपये का खर्च आया हैं। संस्थान के निदेशक डॉ एन के सिंह ने बताया कि संस्थान के छात्र अपने आइडिया पर रिसर्च कर प्रोजेक्ट को तैयार करते हैं। छात्रों के ऐसे आईडिया सें नवाचार के क्षेत्र देश प्रगति करेगा। संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल ने छात्रों को बधाई दी है।






