
बलरामपुर, 23 जुलाई 2025:
अवैध धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड जमालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर जमीनों की खरीद-फरोख्त कर मोटा मुनाफा कमा रहा था। बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में वह प्लॉटिंग का काम कर रहा था, जिसमें उसने बिना जमीन को आबादी घोषित कराए ही उसकी बिक्री शुरू कर दी थी।
प्रशासन ने इस गैरकानूनी गतिविधि पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उतरौला में हो रही अवैध प्लॉटिंग पर रोक लगा दी है। राजस्व नियमों के अनुसार किसी भी जमीन को आवासीय प्लॉट के रूप में बेचने के लिए पहले उसे धारा 80 के अंतर्गत आबादी घोषित कराना आवश्यक होता है। लेकिन छांगुर और उसके सहयोगी नवीन व उसका बेटा महबूब इस नियम की अनदेखी करते हुए बड़े पैमाने पर जमीनें बेच रहे थे।
छांगुर के नेटवर्क से जुड़े लोगों द्वारा उतरौला कस्बे और आसपास के गांवों में जमीनें खरीदी गईं थीं। उन्हें प्लॉटिंग कर बेचा जा रहा था। इस पूरे मामले में तहसील प्रशासन ने नीतू, नवीन और छांगुर से जुड़ी प्लॉटिंग का सर्वे शुरू कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक मामले की पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद छांगुर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की इस कार्रवाई को इलाके में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे अवैध भूमि कारोबार और धर्मांतरण गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी।






