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यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय में चलेंगे यूनिक कोर्स

इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा निर्माण कार्य

गोरखपुर, 13 नवंबर 2024:

यूपी के सीएम योगी की प्राथमिकता में शामिल उनके होम सिटी गोरखपुर में प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य इसी माह के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर बन रहे विश्वविद्यालय में आयुष से जुड़ी सभी चिकित्सा पद्धतियों के पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ यूनिक कोर्स भी चलाए जाएंगे। इसके लिए आयुष विभाग के अफसर विभिन्न राज्यों में चल रहे आयुष पाठ्यक्रमों के तुलनात्मक अध्ययन में लगे हैं जिससे नए कोर्स की ड्राफ्टिंग की जा सके। फिलहाल पीएचडी समेत दर्जनभर पाठ्यक्रमों को चलाने की तैयारी किया गई है।

52 एकड़ है आयुर्वेद विश्वविद्यालय का परिसर

भटहट के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में बन रहे महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। आयुष विश्वविद्यालय सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। वे कई बार निर्माण कार्य का जायजा भी ले चुके हैं। अब निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। फिनिशिंग से संबंधित जो कुछ काम बाकी है। उसे भी 30 नवंबर तक पूर्ण हो जाने की उम्मीद है। मालूम हो कि आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग आदि के लिए अलग-अलग संस्थाएं रही हैं। सत्र 2021-22 से प्रदेश के सभी राजकीय और निजी आयुष कॉलेजों का नियमन अब आयुष विश्वविद्यालय से ही होता है। वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 97 आयुष शिक्षण (आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी) कॉलेज एवं संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। इस सत्र में इन सभी कॉलेजों में स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के करीब सात हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह बताते हैं कि स्नातक और परास्नातक के साथ मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप समयानुकूल कई और रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पाठ्यक्रमों को लेकर आयुष विश्वविद्यालय ने जो कार्ययोजना बनाई है उसमें पीएचडी, बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद, बी फार्मा आयुर्वेद, बी फार्मा होम्योपैथ, बी फार्मा यूनानी, पंचकर्म असिस्टेंट डिप्लोमा, पंचकर्म थेरेपिस्ट डिप्लोमा, विदेशी छात्रों के लिए डिप्लोमा, क्षारसूत्र डिप्लोमा, अग्निकर्म डिप्लोमा, उत्तरवस्ति डिप्लोमा और योग नेचुरोपैथी डिप्लोमा शामिल है। इसके अलावा कुछ सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।

आयुष ओपीडी में एक लाख मरीज ले चुके हैं परामर्श

आयुष विश्वविद्यालय में आयुष ओपीडी का शुभारंभ 15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। तब से प्रतिदिन आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी की ओपीडी में औसतन 300 मरीज परामर्श लेते हैं। ओपीडी शुरू होने के बाद अब तक करीब एक लाख मरीज आयुष चिकित्सकों से परामर्श लाभ ले चुके हैं। जल्द ही आयुष अस्पताल शुरू होने से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार की बेहतर सुविधा भी उपलब्ध होने लगेगी।

हेल्थ टूरिज्म और औषधीय खेती को मिलेगा बढ़ावा, सृजित होंगे रोजगार के अवसर

आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने से आयुष हेल्थ टूरिज्म में रोजगार की संभावनाएं भी सृजित होंगी। इस पर गंभीरता से काम किया गया तो प्रदेश के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय के करीब के गांवों के लोगों को रोजगार के किसी न किसी स्वरूप से जोड़ा जा सकता है। आयुष विश्वविद्यालय के पूरी तरह क्रियाशील होने से किसानों की खुशहाली और नौजवानों के लिए रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त होगा। आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों का संग्रह कर लोग अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। किसानों को औषधीय खेती से फायदा मिलेगा।

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