Uttar Pradesh

यूपी DGP : प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार की उम्मीद, 31 मई को है रिटायरमेंट

लखनऊ, 22 मई 2025

यूपी के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार के सेवानिवृत्त होने की तारीख 31 मई है। ऐसे में राज्य के अगले डीजीपी को लेकर चर्चाओं का दौर कई दिन से चल रहा है। इस बीच केंद्र सरकार को प्रशांत कुमार को छह माह का सेवा विस्तार देने के लिए राज्य सरकार की ओर से पत्र भेजे जाने की खबरें सामने आ रही हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।

राज्य सरकार चाहती है प्रशांत कुमार को बनाए रखना

करीब 16 माह से कार्यवाहक डीजीपी के रूप में कार्यरत 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को राज्य सरकार बरकरार रखना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाने वाले अफसरों में शामिल होने के कारण उनके सेवा विस्तार की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले वर्ष 2017 में तत्कालीन डीजीपी सुलखान सिंह को भी सेवा विस्तार मिल चुका है।

सेवा विस्तार नहीं मिला तो फिर कार्यवाहक डीजीपी की संभावना

सूत्रों के अनुसार अगर प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार नहीं मिला तो भी प्रदेश में पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति की संभावना कम ही है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को अभी तक नए डीजीपी के लिए नामों का प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। अब भेजे जाने पर भी प्रक्रिया पूरी होने में 10 दिन से अधिक लग सकते हैं। राज्य सरकार ने पिछले वर्ष डीजीपी चयन के लिए नई नियमावली तो मंजूर की थी, लेकिन अभी तक उसके तहत समिति का गठन नहीं हुआ है।

दो और डीजी होंगे सेवानिवृत्त

प्रशांत कुमार के साथ ही डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री और डीजी टेलीकॉम डॉ. संजय एम तरडे के सेवानिवृत्त होने की तारीख भी 31 मई है। ऐसे में नए कार्यवाहक डीजीपी के रूप में 1990 बैच के डीजी होमगार्ड बीके मौर्य या एमके बशाल को मौका मिल सकता है। हालांकि वरिष्ठता सूची में इसी बैच के संदीप साकुंले दलजीत सिंह चौधरी और रेणुका मिश्रा उनसे आगे हैं।

आलोक शर्मा व राजीव कृष्ण माने जा रहे दावेदार

प्रशांत कुमार के बाद वरिष्ठता सूची में तिलोत्तमा वर्मा हैं, जिनका कार्यकाल नवंबर तक ही है। वहीं 1991 बैच के आईपीएस अफसर आलोक शर्मा (वर्तमान में डीजी, एसपीजी, केंद्र सरकार) और डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण को भी संभावित दावेदार माना जा रहा है।

योगी सरकार में अब तक बन चुके आठ डीजीपी

योगी सरकार के कार्यकाल में अब तक आठ डीजीपी बन चुके हैं। सुलखान सिंह पहले डीजीपी थे, जिन्हें सेवा विस्तार मिला था। उनके बाद ओपी सिंह, हितेश चंद्र अवस्थी और मुकुल गोयल पूर्णकालिक डीजीपी रहे। जबकि देवेन्द्र सिंह चौहान, आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार और प्रशांत कुमार कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर तैनात किए गए।

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