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क्या है मंगेश यादव एनकाउंटर के मामला ?

लखनऊ , 9 सितंबर 2024 

सुल्तानपुर एनकाउंटर (Sultanpur Encounter) मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी (सपा) एक ‘डकैत’ की हत्या (Mangesh Yadav Encounter) से परेशान है. उन्होंने कहा है कि सपा जब सत्ता में थी तो हर जिले में माफिया को समानांतर सरकार चलाने के लिए संरक्षण देती थी. 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि इस मामले में जाति के आधार पर संदिग्ध का एनकाउंटर किया गया था. इस पर CM योगी ने कहा कि ये समाजवादी पार्टी की वास्तविक पहचान है. उन्होंने कहा कि सपा लोगों को जाति के आधार पर बांटने का प्रयास कर रही है. 

ऐसे आरोप लगे कि डकैतों के एक समूह ने करीब एक महीने तक सुल्तानपुर में एक जूलरी शॉप की रेकी की. 28 अगस्त को 5 डकैतों के एक दूसरे समूह ने दुकान को लूट लिया. एक तीसरा समूह भी था जो दुकान के बाहर पहरेदारी कर रहा था. ताकि जरूरत पड़ने पर मदद पहुंचा सके. UP पुलिस के अनुसार, इस डकैती में 14 लोग शामिल थे.

एक सप्ताह बाद मामले का एक आरोपी मंगेश यादव पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. सुल्तानपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर मिसिरपुर पुरैना गांव में 28 साल के मंगेश को UP स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एनकाउंटर में मार गिराया. पुलिस ने दावा किया कि मंगेश ने पांच नकाबबोश लोगों में से एक था जो ‘बीएच ऑर्नामेंट्स’ की डकैती में शामिल थे. इस पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि ये एनकाउंटर ‘फर्जी’ था और मंगेश की हत्या उसकी जाति के कारण की गई.

UP STF ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि मंगेश अपने एक साथी के साथ जौनपुर जा रहा है. सुल्तानपुर बाईपास के पास एक चेकपॉइंट पर उन्हें रोक लिया गया. इसके बाद कथित तौर पर ये मिसिरपुर पुरैना गांव की ओर भागने लगे. UP STF के अनुसार, उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग की. इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. 

पुलिस के अनुसार, मंगेश यादव पर नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और एंटी-सोशल एक्टिविटीज (प्रेवेंशन) एक्ट, 1986 के तहत आरोप भी शामिल हैं, और उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम भी था.

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