उप्र सामूहिक विवाह योजना: दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों की बेटियों के लिए वरदान

thehohalla
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लखनऊ, 13 दिसंबर 2024

आर्थिक रूप से कमजोर तबके, खासकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के परिवारों की बेटियों के लिए 2017 में शुरू हुई उत्तर प्रदेश सरकार की सामूहिक विवाह योजना सफलता के नए आयाम गढ़ रही है।

 इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश की योगी सरकार  2017 से अब तक 4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी पूरे रीति-रिवाज और सम्मान के साथ करवा चुकी है।

"सबका साथ, सबका विकास" के सिद्धांत पर शुरू हुई इस योजना का सर्वाधिक लाभ दलित वर्ग ने उठाया है जिसमें 2.20 लाख से अधिक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई है। वहीं, पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख परिवार और अल्पसंख्यक वर्ग के 40,000 से अधिक परिवार इस योजना के लाभार्थी बने हैं। यही नही  सामान्य वर्ग के करीब 16,000 गरीब परिवारों ने भी अब तक सामूहिक विवाह योजना का लाभ लिया है।

यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी का सपना पूरा कर रही है, बल्कि यह उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान कर रही है। विवाह समारोह में हर जोड़े को 51,000 रुपये की मदद दी जाती है, जिसमें विवाह से जुड़ी आवश्यक सामग्री, वधू के खाते में नकद धनराशि और आयोजन की व्यवस्था शामिल होती है।

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