अंशुल मौर्य
वाराणसी, 13 नवंबर 2024:
काशी के पंचगंगा घाट से शुरू हुई देव दीपावली अब वैश्विक फलक पर पहचानी जाती है। इस उत्सव के इतिहास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैश्विक दीपोत्सव के साक्षी बनेंगे।
देव दीपावली की शुरुआत
काशी में पंचगंगा घाट पर देव दीपावली की शुरुआत हुई थी। क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से दीपोत्सव होता था। वर्ष 1985 में, मंगला गौरी मंदिर के महंत नारायण गुरु ने इसे वृहद् और विहंगम रूप देने के लिए प्रयास किया।
वैश्विक पहचान
दशाश्वमेघ घाट पर गंगा सेवा निधि के संस्थापक सत्येंद्र मिश्र और प्राचीन शीतलाघाट पर गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1995 से देव दीपावली को व्यापक आधार मिला, और शहर के अन्य समाजसेवी भी इसमें योगदान देने के लिए आगे आए।
आज, देव दीपावली वैश्विक फलक पर एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की निगाहें इसकी ओर टिकी हुई हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इसके इतिहास के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं।